ज्योतिषाचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी जी ने दी नवरात्रि एवं नए वर्ष की संपूर्ण जानकारी

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अनूपपुर। वासन्तिक नवरात्र 9 अप्रैल दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। इसी दिन से नव इसी दिन सर्वार्थ संवत्सर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग से प्रारंभ हो रहा है सिद्धि योग और गोमतीनगर के ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी ने बताया कि इस अमृत सिद्धि वर्ष के राजा होंगे मंगल और मंत्री होंगे शनि बहुत कुछ उथल-पुथल हो योग से प्रारंभ सकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष हो रहा है नव संवत्सर
जो मंगलकारी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय बनारस से पढ़े व्याकरण आचार्य ज्योतिष आचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी ने बताया की प्रतिपदा से होता है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 9 अप्रैल मंगलवार को हो रहा है। मंगलवार से नव संवत्सर प्रारंभ हो रहा है इसलिए इस संवत्सर के राजा मंगल होंगे मंगल साहस, पराक्रम, प्रशासन, सेना आदि के कारक ग्रह है। इस संवत्सर के मंत्री शनि होंगे। राजा मंगल और शनि मंत्री होने के कारण यह वर्ष काफी उथल-पुथल वाला वर्ष रहेगा।

इस वर्ष घोड़े पर सवार होकर भगवती का होगा आगमन : वासन्तिक नवरात्र 9 अप्रैल दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। नवरात्र का प्रथम दिन मंगलवार पढ़ने के कारण शास्त्रों के अनुसार भगवती का आगमन घोड़े पर हो रहा है। शास्त्रकारों की मनें तो घोड़े पर आगमन भगवती का बहुत शुभ नहीं माना गया है। नवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है। अतः मां जगदंबा की पूजा के आराधना का विशेष पर्व वासंतिक नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा। ज्योतिषाचार्य पं. अखिलेश त्रिपाठी के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आठ अप्रैल को रात्रि 11:55 बजे लग रही है जो नौ अप्रैल को रात 9:43 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि अनुसार नौ अप्रैल को नवरात्रारंभ होगा। वैसे भी नवरात्र शुभ मुहूर्त माना जाता है, लेकिन योगों के संयोग से यह और भी विशिष्ट माना जा रहा है। कलश स्थापनाः अभिजित मुहूर्त में दिन के 11:34 बजे से 12 बजकर 24 मिनट रहेगा। इस दौरान घट स्थापना करना शुभ रहेगा। महानिशापूजन सप्तमी युक्त अष्टमी की मध्य रात्रि (निशिथ व्यापिनी) में किया जाता है। अतः 15-16 अप्रैल की मध्य रात्रि अष्टमी योग से महानिशा व बलिदान आदि कार्य होंगे। महाष्टमी व्रत 16 अप्रैल को किया जाएगा। नवमी तिथि में 17 अप्रैल को रामनवमी व्रत रखा जाएगा। पहले और अंतिम दिन व्रत रखने वाले महाष्टमी व्रत का पारण 17 अप्रैल करेंगे। नवरात्र व्रत का पारण 18 अप्रैल को होगा। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से सभी मनोकामनाये पूरी होती है।

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