सीबीआई जांच के बाद फिर गायब हुआ कैरियर नर्सिंग कालेज फिर कागजो में होगा संचालित

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सीबीआई जांच के बाद फिर गायब हुआ कैरियर नर्सिंग कालेज फिर कागजो में होगा संचालित

एक दिन के लिए सनबीम स्कूल बना नर्सिंग कालेज, प्रतीक, अरुण, मोहित व प्रभा इस खेल के मास्टरमाइंड

अनूपपुर

उच्च न्यालय के आदेशानुसार जब सीबीआई टीम सनबीम विद्यालय अनूपपुर जांच करने पहुँची तो लोगो ने देखा कि सनबीम हायर सेकेंड्री स्कूल का बोर्ड गायब था और उसके स्थान पर कैरियर नर्सिंग कालेज का बोर्ड लगा था , यहां तक बाहर रोड में भी लगे स्कूल का डिस्प्ले बोर्ड को भी निकालकर बदल दिया गया था। और पूरा का पूरा सनबीम विद्यालय ,कैरियर नर्सिंग कालेज में तब्दील हों गया था। जहां जहां भी सनबीम स्कूल का बोर्ड लगा था उसके ऊपर ही कैरियर नर्सिंग कालेज का फ्लैक्स लगा दिया गया था।

क्या ये संभव है कि एकदिन के लिए कोई भी विद्यालय के भवन को नर्सिंग कालेज में तब्दील किया जा सकता है ? ये बहुत बड़ा स्कैम है इस तरह की घटना टीवी में देखी गई थी या फिर नटवर लाल की कहानियों में पढ़ी गई थी। ऐसा कभी भी संभव नहीं है कि एक दिन के लिए कोई भवन लेकर कहीं भी उसे दिखाकर मान्यता हासिल कर लिया जाय फिर थैले में भरे कागजो में नर्सिंग कालेज चलता रहे। कालेज खोलने के विधिवत उसके नियम के अनुसार भवन, उसमे व्यवस्थाए जैसे 7 लैब प्रत्येक की साइज 1000 वर्ग फिट , लाइब्रेरी में 2500 किताबें साइज 1800 वर्ग फिट, लैब में समान की उपलब्धता, शिक्षकों की व्यवस्था इस्तादि कुल मिलाकर 23700 वार्गफिट का भवन होना अनिवार्य है। जब 2022 की मान्यता के इस कालेज का निरीक्षण जिम्मेदार संचालकों के द्वारा कराया गया तो जिस भवन का निरीक्षण कर मान्यता ली गई वो भवन 3000 वर्गफिट से ज्यादा नहीं है। 3000 वार्गफिट को जांच समिति ने कैसे 30 हजार कर दिया था जांच का विषय है। इस 3 हजार वर्ग फिट में प्रिंसिपल आफिस, कहां पर 7 लैब, कहां पर 7 क्लास रूम, गर्ल्स कामन रूम, टॉयलेट इत्यादि रहा होगा। फिर अनुमति मिलने बाद इस महाविद्यालय को अनूपपुर के किसी भी व्यक्ति द्वारा नहीं देखा गया। क्योंकि कभी बोर्ड ही नहीं लगा और जहां पर जांच कराया गया , जहां के पेपर लगाया गया वहां पर संचालक अमरदीप सिंह का यूथ कंप्यूटर सेंटर संचालित है। फिर जब उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीबीआई की जांच हुई तो फिर एक सनबीम विद्यालय को दिखा दिया गया।

*कौन है इसके बंटी बबली*

ग्वालियर की पंजीकृत समिति के प्रतीक पाटीदार, अरुण गंगवार, अनूपपुर के खिलाड़ी मोहित तोमर हैं। इसके अलावा इस पूरे मामले में सनबीम स्कूल की संचालक प्रभा श्रीवास्तव भी शामिल है। जो बिना डर,भय के इस तरह के खेल को अंजाम देते हैं , इनका उद्देश्य शिक्षा का प्रचार प्रसार नहीं है। बल्कि पैसा कमाना है। अब प्रश्न उठता है कि इतना अच्छा खासा चलता हुआ सनबीम स्कूल जो की उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक संचालित है । क्यों इस तरह से गलत कार्य को सपोर्ट किया ?

*ये हैं बड़ा रैकेट जल्द होगा खुलासा?*

वास्तव में इसका बहुत बड़ा रैकेट है। इसमें पैसों बहुत बड़ा खेल है – जितने नर्सिंग कालेज पूरे मध्यप्रदेश में हैं उसके आधे ग्वालियर ,चंबल संभाग में है। वहां पर भी यही व्यापक भ्रष्टाचार चलता है। यहीं से सीबीआई जांच के आदेश हुए। ग्वालियर के शातिर संचालकों को यह आदिवासी अंचल बहुत सुरक्षित लगा और यहां के लोग इस विषय को ज्यादा समझते नहीं है। इस लिए फर्जीवाड़ा कर सकते थे करके नर्सिंग कालेज खोल लिया। जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा होगा।

*कैसे होते है प्रवेश*

ये संचालक लोकल प्रवेश नहीं लेते है सभी विद्यार्थी दलालों के माध्यम से बिहार, झारखंड और राजस्थान से भरे जाते है। जिनकी 3 साल की शुल्क 1 लाख 50 हजार के लगभग होती है जिसको ये दलालों से शुरू में ही पर सीट बेचकर ले लिया जाता है फिर दलाल विद्यार्थियों का गला दबाता है और उनको नोचना शुरू करता है। कैरियर नर्सिंग कालेज में 60 सीट है तो समझ में आना चाहिए की 150000 के दर से 90 लाख का खेल हो गया। ये विद्यार्थी वर्ष भर नहीं दिखेंगे सिर्फ परीक्षा देने आते है। कोई लोकल विद्यार्थी रहता नहीं है इसलिए किसी को पता चल नहीं पता है। ये जनहित से जुड़ा विषय है इसमें विद्यार्थियों का भविष्य निहित है। इस तरह के कालेज यदि चलेगा तो ऐसे कालेज का भविष्य क्या होगा ? ये सोचने का विषय है। बहुत बड़ा घोटाला है कैरियर नर्सिंग कालेज अनूपपुर खुले और उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत हुए CBI जांच के उपरांत उठने लगे है प्रश्न हैं ?

लोगों का कहना है कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई है और सीबीआई के सामने क्या ये चींजे सामने आए होगी। यदि आई होगी तो प्रतिक्रिया क्या रही होगी।क्या हो सकता है में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही? सभी को कोर्ट से लिस्ट जारी होने का इंतजार है कि इस कैरियर नर्सिंग कालेज के लिए क्या रिपोर्ट जारी करती है। क्या यही है नर्सिंग कालेज का सच तो फिर कैसे सुरक्षित हैं विद्यार्थियों का भविष्य ?

*सनबीम स्कूल की जॉच में होगा खुलासा*

लोग बड़ी उम्मीद से अपने विद्यार्थियों को सनबीम कॉन्वेंट स्कूल जेल बिल्डिंग के पास पड़ने भेजते है। स्कूल को बच्चों का संस्कार केन्द्र माना जाता है और गुरु को भगवान से ऊपर ,अब प्रश्न यह उठता है कि लगभग 800 की संख्या में पड़ने विद्यार्थियों का भविष्य दांव में लगा दिया , जब स्कूलों का सत्र 1 अप्रैल से प्रारंभ था तो प्रभा श्रीवास्तव के द्वारा उनको कैसे छुट्टी दे दी। ये जांच उपरांत आयेगा सामने।

*छात्रों का भविष्य अधर में*

अनूपपुर में सनबीम स्कूल कई वर्षों से संचालित है। जहाँ पर सैकड़ो की संख्या में अनूपपुर समेत दर्जनों गांव से बच्चे इस विद्यालय में पढ़ने आते थे, अब जब इस स्कूल में कैरियर नर्सिंग कालेज का बोर्ड लग गया तो अब सभी बच्चे किस विद्यालय मे पढने जाएंगे या वही पर नर्सिंग की पढ़ाई करने को।बाध्य होंगे। सैकड़ो बच्चो का भविष्य अंधेरे में लग रहा है।

*एक दिन बाद फिर बोर्ड बदला*

05 अप्रैल को जब सीबीआई कि टीम सनबीम विद्यालय निरीक्षण करने पहुँची तो स्कूल मे कैरियर नर्सिंग का बोर्ड लगा था जैसे ही टीम निरीक्षण करके वापस लौटी तो दूसरे दिन सनबीम विद्यालय का बोर्ड फिर से लग गया, अनूपपुर में जनचर्चा हैं कि लाखों रुपए लेकर स्कूल की संचालिका प्रभा श्रीवास्तव द्वारा एक दिन के लिए कालेज को अपनी स्कूल का भवन किराए से दे दिया या फिर स्कूल की संचालिका का नर्सिंग कालेज में हिस्सेदारी है। सीबीआई जांच के बाद कैरियर नर्सिंग कालेज अनूपपुर से फिर से गायब हो गया हैं। और अब फिर से प्रतीक, अरुण, मोहित, प्रभा कागजो में संचालित करते रहेंगे नर्सिंग कालेज और छात्रों के भविष्य के साथ होता रहेगा खिलवाड़।

*इनका कहना है*

मैंने एक दिन के बिल्डिंग देकर जैसे शादी में लोग सहयोग करते हैं वैसा मैने किया है बाकी बात नर्सिंग कालेज के संचालक से बात कर सकते हैं।

*इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आर एस धुर्वे से बात करना चाहे तो उनका मोबाइल रिसीव नही हुआ।*

*प्रभा श्रीवास्तव सनबीम स्कूल संचालिका अनूपपुर*

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