



वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आए विधायक पुत्र
– कंपनी का ठेका निरस्त करने और गार्ड पर कार्रवाई के दिए निर्देश
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिला अस्पताल इन दिनों विवादों में घिरा नजर आ रहा है। यहां पर भर्ती मरीजों के परिजनों से अंदर प्रवेश के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है। प्रवेश के लिए गेट पास की एक राशि निर्धारित की गई है। इस गेटपास को लेकर जहां आए दिन मरीज और सुरक्षा गार्ड्स के बीच विवाद होता रहता है ऐसा ही विवाद बीते रोज सामने आया जहां गार्ड ने मरीज के परिजनों को अंदर प्रवेश करने नहीं दिया और बहस करते हुए गार्डन मारने की धमकी भी दी। मामले की जानकारी जैसे ही शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन के पुत्र और भाजपा जिला कोषाध्यक्ष सक्षम जैन को लगी तो वह तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे एवं सिविल सर्जन बीएल यादव से घटना के संबंध में चर्चा की और कहा कि गार्ड द्वारा मरीज के परिजनों के साथ जो अभद्रता की गई उस पर सख्त कार्रवाई की जाए एवं संबंधित कंपनी का ठेका निरस्त किया जाए।
निजी कंपनी पर ठेका-
जिला अस्पताल में गेट पास जारी करने व सुरक्षा की जिम्मेदारी एक ही निजी कंपनी जगदीश एंड आनंद बिल्डकॉन को सौंप दी गई है। जबसे कंपनी काम कर रही है तभी से आए दिन प्रबंधन के पास कोई न कोई शिकायत पहुंंच रही है। यहां मौजूद सुरक्षा गार्ड आए दिन मरीज के परिजनों को परेशान करते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है और नौबत हाथापाई तक आ जाती है ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को नहीं है लेकिन जानबूझकर वह कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता। ऐसा ही एक मामला एक दिन पहले सामने आया जब मरीज के परिजन से सुरक्षा गार्ड ने अभद्रता की और मारने तक की धमकी दी गई।
कंपनी का टेंडर निरस्त करें-
इस घटना की जानकारी सोशल साइट के जरिए जिला कोषाध्यक्ष सक्षम जैन को लगी तो वह जिला अस्पताल पहुंचे और सिविल सर्जन से बातचीत की उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में गार्ड व मरीजों के परिजनों के बीच अक्सर विवाद के मामले सामने आते रहते हैं आप संबंधित कंपनी का टेंडर निरस्त करें। जिस पर सिविल सर्जन ने कार्रवाई की बात कही। इसके बाद गार्ड को सेवा से हटा दिया गया है।
कंपनी पर लगे अवैध वसूली के आरोप-
भाजपा कोषाध्यक्ष सक्षम जैन ने जब टेंडर से संबंधित जानकारी ली तो पता चला कि जो परिजन मरीज का अस्पताल लाते हैं उसका निशुल्क पीले कलर का पास बनता है यह केवल एक व्यक्ति के लिए मान्य होता है। वहीं पास खो जाने की स्थिति में दूसरे पास के लिए 20 रुपए देने पड़ते हैं। इसके अलावा तृतीय अतिरिक्त पास बनाए जाने के लिए अटेंडर को 20 रुपए प्रतिदिन देना होता है। मरीज के पास एक से अधिक लोग रुकते हैं तो ऐसी विषम परिस्थिति में 50 प्रति अटेंडर पास बनता है। सक्षम जैन ने बताया कि एंट्री पास बनाने के लिए कितनी राशि ली जाना चाहिए इस राशि का बोर्ड अस्पताल में कहीं भी नहीं लगा है। इतना ही उन्हें मरीज के परिजनों ने बताया कि 50 में पास बना कर दिया जा रहा है। मामले को लेकर सक्षम जैन ने कंपनी का टेंडर निरस्त किए जाने की बात कही अगर ऐसा नहीं होता है तो वह ऊपर तक इसकी शिकायत करेंगे।