अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में आज लगभग दोपहर एक बजे से रिमझिम सावन मास जैसा बारिश हो रही है । आसमान में बादलो की गड़गड़ाहट , बिजली की चमक , हल्की हवा का झोंका और बारिश की जमीन में हो रही बौछार से मैकल , सतपुड़ा और विंध्य की पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश से लग रहा है की अब मानसून अपना दस्तक यहां दे ही दिया ।
अमरकंटक में इस वर्ष जिस तरह भारी गर्मी का अहसास हुआ लगता है पहले इतनी गर्मी नही पड़ी लेकिन जब अधिक गर्म का वातावरण बने तब बीच बीच में आसमान में बदलो का आगमन हो जाता था और बारिश भी हो जाया करती थी , जिससे कुछ ठंडक बन जाया करता था । जानकार बताते है की अमरकंटक का अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री के आसपास आता जाता रहा । इस वजह से अमरकंटक में गर्मी तो खूब पड़ी पर जब बारिश हो जाया करती थी तब मौसम में ठंडक घुल जाया करती और बाहर से आने जाने वालों को यहां का मौसम बड़ा सुहाना लगता । अमरकंटक के कई संत और निवासरत लोग कहते है की गर्मी के समय अमरकंटक स्वर्ग है । यहां पर रह रहे लोग गर्मी में बाहर ज्यादा रह नही पाते कारण की शहरों की गर्मी बर्दास्त नही हो पाती । अब धीरे धीरे मौसम बदल रहा है जंगलों , मैदानी क्षेत्र जैसे जगहों पर हरियाली छाने लगेगी । धीरे धीरे गर्मी भी कम होने लगेगी । अभी जंहा कम बारिश होगी वहां अभी शहरो में उमस भरी की गर्मी भी बनी रहेगी । अमरकंटक क्षेत्र में मानसून का दस्तक देना और यहां की गर्मी से निजात पा जाना । मानसून के आ जाने के बाद नर्मदा नदी , जंगलों, पहाड़ों में नमी आ जाती है जिससे वातावरण बहुत ही सुंदर बन जाता है । अगर फिलहाल लगातार कुछ दिन तक धूप खिला रहा तो कुछ गर्मी का अहसास भी होगा । पर मानसून आ ही गया है तब तो मानो की अमरकंटक नर्मदा उद्गम क्षेत्र की गर्मी अब गई ।