अमरकंटक में श्रद्धालुओं,पर्यटकों को चंदन लगाने का काम कर रहे नाबालिक

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अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। अमरकंटक – मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , पवित्र नगरी अमरकंटक में लंबे समय से नर्मदा उद्गम मंदिर क्षेत्र के आस पास , पार्किंग , स्नान कुंड आदि अनेक जगहों पर नन्हे नन्हे बच्चियां,बालक मंदिर दर्शन करने आने जाने वाले श्रद्धालुओं के माथे पर चंदन , वंदन टिका लगा रहे है । पर्यटक , तीर्थयात्रियों ने आस्था के कारण दर्शनार्थी , श्रद्धालु इन नन्हे बच्चे , बच्चियां से प्रेम भाव में आने के कारण लगवा रहे है साथ ही कुछ दान दक्षिणा भी दे देते है । कई पर्यटक रेट भाव पुछते है जो उनके तरफ से कहा जाता है कि आपकी स्वेच्छा से जो हो दे दो । वैसे धीरे स्वर में कहते भी है दे देना पांच , दस रूपया ।
अमरकंटक में इन दिनों दर्जनो से अधिक नाबालिग छात्र-छात्राएं विद्यालय जाने के बजाय पैसों के लालच में दिनभर बाहर से आने जाने वाले पर्यटक , तीर्थयात्री एवं श्रद्धालुओं को चंदन लगाते हुए देखे जा सकते हैं । यह प्रवृत्ति जुलाई माह से शुरू हुई और पूरे सावन मास में तेज़ी से बढ़ गई है । अगर चंदन लगवाने से मना किया जाता है तो वे बच्चे अभद्र भाषा बोल कहते है क्यों मंदिर चले आते हो । कुछ बच्चे बाहरी व्यापारियों के भी सम्मिलित रहते है ।
इन बच्चों के स्कूल न जाने में उनके माता-पिता का भी श्रेय रहता हैं । प्राधिकरण कर्मचारीयो एवं मंदिर ट्रस्ट द्वारा रोक-टोक करने पर ये अनावश्यक विवाद में उलझ भी जाते हैं । यह स्थिति शिक्षा के अधिकार कानून और राज्य सरकार के शिक्षा अभियान के विपरीत है , जहां हर बच्चे को विद्यालय भेजने पर जोर दिया जाता है ।

मंदिर परिसर और रामघाट में सक्रिय रहते है असामाजिक तत्व

नर्मदा मंदिर के सामने और रामघाट क्षेत्र में केवल नाबालिग ही नहीं बल्कि बाहर से आए असामाजिक और नशेड़ी तत्व भी चंदन लगाने के बहाने सक्रिय हैं । इनके आड़ में कुछ लोग यात्रियों का सामान चोरी करने और पर्यटकों से अभद्रता करने तक से नहीं चूकते ।

दोपहर तक चंदन लगाकर कमाई करने के बाद ये लोग शाम और रात में नशे में धुत्त होकर मंदिर परिसर और घाटों पर दिखाई देते हैं । कई बार ये पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से उलझ भी जाते हैं , जिससे धार्मिक वातावरण दूषित हो रहा है ।

नागरिकों की प्रशासन से अपील ।

स्थानीय नागरिकों और मंदिर पुजारियों ने नगर परिषद अमरकंटक, विकास प्राधिकरण और जिले के मुखिया कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली जी से इस पर सख़्त कार्रवाई की मांग की गई है ।