कांग्रेस विधायक ने दी सफाई , कहा-वह हमारे क्षेत्र के सांसद हैं,महाराज है मैंने पैर छुए कर उन्हें सम्मान दिया है
– कांग्रेस छोड़ने की बातों को गलत बताया
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले की पोरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश कुशवाह इस समय चर्चा में आ गए हैं। रविवार को शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की विकास कार्यों को लेकर बैठक इस बैठक के दौरान कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन के दौरान उनके पैर छुए और इस बैठक में शामिल हुए। पैर छूने के यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इसके बाद कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह के भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई है। इन अटकलों के बीच कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह ने सफाई दी है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रीय सांसद होने के नाते और क्षेत्र के महाराज होने के नाते ज्योतिरादित्य सिंधिया के पैर छुए हैं। कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह ने कहा कि उन्हें विधायक बनाकर कांग्रेस ने उनका सम्मान किया है। वह हमेशा कांग्रेस में रहेंगे। क्षेत्र के विकास के लिए कलेक्टर कार्यालय में आयोजित इस बैठक में में भाग लेने के लिए आए थे। क्षेत्र के विकास के लिए किसी भी नेता के पास जाना पड़ेगा तो वह जाएंगे।
कलेक्टर कार्यालय में हुई थी बैठक-
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कलेक्टर कार्यालय में अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिले की पांच विधानसभा क्षेत्र से विधायक मौजूद रहे। इसी दौरान कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह भी इस बैठक में पहुंचे। बैठक से पहले जैसे ही सिंधिया कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तो कैलाश कुशवाह ने जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के पैर छुए।
पहले भाजपा में ही थे कैलाश कुशवाह-
विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश कुशवाह पहले बीजेपी में थे और भाजपा में रहते हुए वह विभिन्न पदों पर रहे हैं। भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया था और वर्ष 2018 के चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर पोहरी विधानसभा क्षेत्र से रहे। लेकिन बाद में 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें अपने खेमे में मिला लिया और टिकट दिया । वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कैलाश कुशवाह ने कांग्रेस छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा को लगभग 49000 वोटो से हराया था।