हिंदू के बच्चे को न तो गीता आती है और न ही रामायण, यही कारण है कि हिंदू पिछड़ रहा – धीरेंद्र शास्त्री

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हिंदू तिलकहीन-शिखाहीन हो गया यही उसके पिछड़ने का कारण : धीरेंद्र शास्त्री

– बोले हिंदुओं से हिंदुओं को जितना खतरा है, उतना खतरा मुसलमानों से नहीं

– शिवपुरी में चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी में चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान में हिंदू के लगातार पिछड़ते जाने का प्रमुख कारण उसका तिलकहीन, शिखाहीन और मालाहीन होना है। उनके अनुसार आज न तो हिंदू के सिर पर तिलक नजर आता है और न ही घर पर भगवा ध्वजा दिखाई देती है। वह मालाहीन हो गया है। उसके घर में न तो वेद शास्त्र हैं और न ही गीता रामायण। वहीं बात अगर एक मुसलमान के बच्चे की करें तो अगर कहीं चार मुसलमान बैठे होंगे तो बिना टोपी के नजर नहीं आएंगे। उनके बच्चों को कुरान की आयातें आती हैं, लेकिन हिंदू के बच्चे को न तो गीता आती है और न ही रामायण आती है। यही कारण है कि हिंदू पिछड़ रहा है।

कथा सुनेंगे तो मदिरालय नहीं, देवालय जाएंगे-

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना था कि हिंदू वह नहीं है जो हिंदुत्व की बातें करे, बल्कि हिंदू वह है जो हिंदुत्व को दिल में धारण करके चले। उन्होंने कथा पांडाल में बैठे अभिभावकों से आव्हान किया कि हम आप सबसे प्रार्थना करना चाहते हैं कि अपने बच्चों को कथा में बैठाओ, अगर वह कथा सुनेंगे तो मदिरालय नहीं, देवालय जाएंगे।

रील के फेर में पड़ी बेटियां कटवा रहीं माता-पिता की नाक-

कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पांडाल में कहा कि उन्हें कल शिवपुरी पुलिस अधीक्षक ने मप्र पुलिस के आपरेशन मुस्कान के बारे में बताया था, जिसके तहत वह घर से भागी अथवा गुम हुई कम उम्र की लड़कियों को खोज कर वापस लाते हैं। उनका कहना था यह कम उम्र की बेटियां वह होती हैं जो सोशल मीडिया के फेर में पड़ कर सामने वाले के फेस, बातें, चेटिंग, सेटिंग के चक्कर में अपनी जिंदगी तो बबर्बाद कर ही रही हैं साथ ही अपने माता पिता की नाक भी कटवा रही हैं। उन्होंने कहा कि, मेरी बेटियों, बहनों, भाईयों यह बात याद रखना बिस्तर पर ले जाने वाले बहुत मिलेंगे मंदिर पर ले जाने वाला कोई-कोई ही मिलेगा। अपने जीवन में यह बात याद रखना जरूरी नहीं कि, जो रील पर है, वह रीयल हो। फेसबुक पर फेक भी हो सकता है। आज तलाक का सबसे बड़ा कारण है सोशल मीडिया है। दूसरा कारण सुंदर जीवनसाथी की चाह है।

साथी सुंदर हो या न हो, लेकिन समझदार होना चाहिए-

कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पांडाल में कहा कि साथी सुंदर हो या न हो, लेकिन समझदार होना चाहिए। समझदार जीवन साथी कदम से कदम मिलाकर चलेगा और वह घर को मंदिर बना देगा। उन्होंने समाज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, आज सोशल मीडिया पर यह हो रहा है कि, बहू नाच रही है और ससुर लाइक कर रहा है। इससे अच्छा तो पुराना जमाना था, जब जेठ पूरे जीवन में अपनी बहू का चेहरा नहीं देख पाता था। उनके अनुसार इसका अर्थ यह नहीं कि, हम माताओं को बंधन में रखना चाहते हैं, परंतु इतनी भी स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए जितनी हो रही है। स्वतंत्रता के नाम पर फूहड़ता हो रही है।

29 नवम्बर को ले सकेंगें दीक्षा-

शिवपुरी जिले सहित दूर-दराज से आने वाले बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुयायी और उन्हें गुरू का दर्जा देने वाले शिष्यों के लिए आगामी 29 नवम्बर को कथा स्थल पर ही दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके लिए जो भी श्रद्धालु उनसे दीक्षा लेना चाहते हैं, वह अपना स्थान सुनिश्चित करने के लिए कथा स्थल प्रांगण के कार्यालय परिसर में पहुंचकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। ऐसे सभी श्रद्धालुओं के लिए 29 नवम्बर को गुरूदेव दीक्षा प्रदान करेंगे।