अमरकंटक शहर के बीचो-बीच फैली गंदगी से पर्यटक परेशान

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मुख्य मार्ग से गुजरते समय नाक बंद कर लेते हैं श्रद्धालु

अमरकंटक।  श्रवण कुमार उपाध्याय। अमरकंटक – मां नर्मदा की उद्गम स्थली और मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ एवं पर्यटन नगरी अमरकंटक इन दिनों स्वच्छता अव्यवस्था के कारण सुर्खियों में है । नगर के मुख्य मार्ग पर फैली गंदगी और उससे उठती तेज दुर्गंध ने पर्यटकों , श्रद्धालुओं और स्थानीय दुकानदारों का जीना मुश्किल कर दिया है ।

मुख्य आवागमन मार्ग से गुजरते लोग मजबूरी में नाक ढककर आगे बढ़ते हैं । परिक्रमा वासी , तीर्थ यात्री और स्थानीय नागरिक कहते हैं कि पवित्र नगरी की यह स्थिति बेहद निराशाजनक है । कई पर्यटक यह कहते हुए भी सुनाई देते हैं कि “क्या यही मां नर्मदा की उद्गम स्थली है , जिसे पवित्र नगरी कहा जाता है?”

समस्या के मूल में होटल और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का गंदा पानी

स्थानीय लोगों के अनुसार , लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है । नगर के कई होटल एवं प्रतिष्ठान अपना गंदा पानी सीधे सड़क किनारे बने नालों में बहा देते हैं । इससे लगातार बदबू फैलती रहती है और पूरा क्षेत्र अस्वच्छ बना रहता है । स्थिति इतनी बदतर है कि दुकानदार भी दिनभर इसी दुर्गंध में बैठने को मजबूर हैं ।

नगर परिषद की लापरवाही पर सवाल

नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद की नियमित निगरानी और सफाई व्यवस्था न होने से स्थिति बिगड़ती जा रही है । रोजाना दिखने वाली इस गंदगी पर ध्यान न दिया जाना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है ।

जनता की प्रमुख मांगें

गंदगी फैलाने वाले होटल एवं प्रतिष्ठानों पर कठोर कार्रवाई की जाए

नालों की नियमित सफाई कराई जाए

पर्यटन नगरी की स्वच्छता व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए ।

संत समाज ने भी जताई नाराजगी

शांति कुटी आश्रम के स्वामी श्रीमहंत रामभूषण दास जी महाराज ने कहा कि “यह जो गंदगी फैली है, यह शासन और होटल संचालकों की लापरवाही का परिणाम है । श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है। यह क्षेत्र की तौहीन है। ऐसी जगहों को प्रातःकाल ही स्वच्छ कर देना चाहिए।”

पवित्र नगरी की गरिमा बनाए रखने की चुनौती

देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध अमरकंटक की पवित्रता और गरिमा बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। स्थानीय नागरिकों का स्पष्ट कहना है कि स्वच्छता व्यवस्था में तत्काल सुधार न हुआ तो पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है ।

नगर परिषद सीएमओ चैन सिंह परस्ते ने कहा कि बारंबार लोगों को समझाने के बाद भी गंदगी अगर फैला रहे है तो अवश्य ही उन पर कठोर कार्यवाही की जावेगी ।