अमरकंटक में जैव विविधता संरक्षण,संवर्धन पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

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अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय।  पवित्र नगरी अमरकंटक में वन विद्यालय के सभागार में आज वन परिक्षेत्र अमरकंटक द्वारा जैव विविधता विरासत स्थल अमरकंटक के संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । सर्व प्रथम मां नर्मदा जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लाल सुधाकर सिंह उपवन मंडलाधिकारी राजेंद्रग्राम ने की । मुख्य अतिथि अंबिका प्रसाद तिवारी पूर्व अध्यक्ष अमरकंटक प्राधिकरण रहे जबकि विशिष्ट अतिथि ओ. जी. गोस्वामी सेवा निवृत्त उपवन मंडलाधिकारी और महेंद्र कुमार यादव वन क्षेत्रपाल वन विद्यालय अमरकंटक की उपस्थिति सराहनीय रही ।
कार्यशाला का आयोजक एवं मंच संचालन व्ही. के. श्रीवास्तव वन परिक्षेत्राधिकारी अमरकंटक ने किया साथ ही धनीराम रौतेल , आलोक कुमार सिंह , जमुना सिंह मार्को , रमाकांत पटेल , के के सिंह मसराम , नरेंद्र सिंह धुर्वे , कुमारी साधना मार्को , अरविंद कुमार पटेल , धरम सिंह मरावी , अजीत सिंह बघेल , अभय द्विवेदी , दिव्य दास सोनवानी व कर्मचारी तथा जैवविविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष , सदस्य , विभिन्न ग्रामों के वन सुरक्षा समिति सदस्य एवं वन विद्यालय के 89 वन रक्षक प्रशिक्षणार्थी एवं वन विद्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ।

सभी उपस्थित अतिथियों ने जैवविविधता के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सामूहिक रूप से प्रयास करने और जागरूकता बढ़ाने पर चर्चा कर जोर दिया गया । अमरकंटक के पर्वत श्रृंखलाओं पर जैवविविधताओ का विरासत स्थल है जिसे संरक्षण एवं संवर्धन करना अति आवश्यक है । इसी तरह अतिथियों ने अपना अलग अलग वक्तव्य दे सभी को बारीकी से उपस्थित लोगों को बताया गया । आज के अध्यक्ष अंबिका प्रसाद तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि तापमान नियंत्रण करने में अमरकंटक के वन की बहुत बड़ी भूमिका है । इसी तरह विशिष्ट अतिथि ओ जी गोस्वामी ने कहा कि वनों का संरक्षण और संवर्धन बहुत जरूरी । आज की अध्यकता कर रहे लाल सुधाकर सिंह ने बताया कि जैव विविधता जीवन के लिए अति आवश्यक है । वन परिक्षेत्राधिकारी अमरकंटक व्ही के श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि मैं उपस्थितजनों को बताता चालू की अगर आपके सामने जंगल में आग लगी हो तो उसे देख कर अनदेखा न किया जाय अन्यथा यह भी अपराध की श्रेणी का माना जाता है । जंगल में लगी आग से नए अंकुरित पौधे जलकर प्रतिवर्ष नष्ट हो जाते है । अगर वर्ष में पांच पौधे लगाएंगे तो उम्र भर में अनेक सैकड़ों वृक्ष आप तैयार कर जीवन सफल बना सकते है । अंत में आज की अध्यक्षता कर रहे लाल सुधाकर सिंह ने सभी उपस्थित जनों को आभार प्रगट कर आयोजन को सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया । दोपहर का भोजन व्यवस्था वन विश्राम गृह में सभी के लिए किया गया था । इस कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र के सभी कर्मचारी और पत्रकार उपस्थित रहे ।