अमरकंटक के कामद गिरी सेवा आश्रम पर किया जाएगा वृक्षारोपण

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नर्मदा तट पर पीपल,वट लगाने से पर्यावरण,वातावरण और आध्यात्मिकता सुरक्षित रहेगी ।

संत जी कन्याओं के हाथों रुद्राक्ष,गुलाब जामुन और शहतूत पौधा लगाकर किया प्रारंभ ।

अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में पधारे
कपिलधारा रोड बांधा स्थित कामद गिरी सेवा आश्रम के श्रीमहंत जगतगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामस्वरूपाचार्य जी महाराज (कामदगिरी पीठम सेवा न्यास के अध्यक्ष) रविवार को शाम अमरकंटक आगमन हुआ और उन्होंने आश्रम में अनेक प्रकार के वृक्षों को रोपित करने का संकल्प लेकर तीन दिवस से यहां पर विराजित है । उन्होंने बताया कि अमरकंटक में मां नर्मदा तट पर ज्यादा संख्या में पीपल , वट वृक्ष रोपित किये जाये तो इससे पर्यावरण , वातावरण और आध्यात्मिकता सुरक्षित रहेगी । नर्मदा तट प्रभावित न हो इसके लिए वृक्ष ही मध्यम है । इसी से जल की शुद्धता और तट रक्षा भी कायम की जा सकती है । हजारों की संख्या में वृक्ष पीपल , वट वृक्ष और अनेक फलदार पौधे जो वन्य प्राणियों को कुछ आहार प्राप्त हो जैसे लगाएं जाएंगे जिससे पशु पंछी का भी भरण पोषण की व्यवस्था कायम रहे । इस कार्य में अमरकंटक के सभी साधु संतों से अनुरोध है कि हमारा सहयोग करें । कामद गिरी सेवा आश्रम में आज वृक्षा रोपण यहां के कुछ समाज सेवियों , पत्रकारों , नन्हे बच्चियों , शिक्षकों और भक्तों के साथ रोपण किया । आज मंगलवार 01 जुलाई 2025 को संकल्प की शुरुआत सप्त कन्याओं के हाथों हमने रुद्राक्ष , गुलाब जामुन और शहतूत सहित 11 पौधे लगाकर प्रारंभ किया गया है , इसी तरह और आगे वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा । इस सेवा हेतु न्यू साईं शक्ति बायोटेक्नोलॉजी कंपनी शहडोल के द्वारा भी प्लांटेशन किया जाएगा । आज के वृक्षारोपण में मुख्यरूप से स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज , संत अखिलेश्वर दास , प्रकाश द्विवेदी , रंजीत सिंह, दिनेश साहू , विनीत तिवारी , मनोज मिश्रा , सौखी सारीवान , अश्वनी अवस्थी , पत्रकार श्रवण कुमार उपाध्याय , बच्चिया आदि उपस्थित रहें।