



सिलेबस में किए गए बदलाव के कारण प्रिंट नहीं हो पाई किताबें, इसलिए बाजार में किताबें उपलब्ध नहीं
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत शासकीय व शासकीय विद्यालय में 1 अप्रैल से शुरू हो गई है लेकिन इसी बीच एनसीईआरटी की किताबें बच्चों को नहीं मिल पा रही हैं। एनसीईआरटी किताब नहीं मिल पाने के कारण हजारों छात्र बच्चे परेशान हैं। एनसीईआरटी की कक्षा 4-5 व 7-8 की किताबें अब तक बाजार में नहीं आ सकीं।
सिलेबस में किया गया है बदलाव-
बताया जा रहा है कि मार्केट में किताब ना आने का कारण हिंदी, इंग्लिश, मैथ, साइस व सोशल स्टडी के सिलेबर सिलेबस में बदलाव करना है। सिलेबस में बदलाव होने के कारण जून में ही किताबें प्रिंट होना शुरू होंगी। जबकि जुलाई से पहले छात्रों को बदले हुए सिलेबस की किताबें मिलना संभव है।
पिछले साल भी कुछ कक्षाओं में किया गया था सिलेबस में बदलाव-
हालांकि पिछले साल कक्षा 3 व 6 के विषयों का सिलेबस बदला गया था। तब छात्रों को बदले हुए सिलेबस की किताबें सितंबर में मिल सकीं थीं। किताबें नहीं मिलने से सीबीएसई व केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले लगभग 10 हजार छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे छात्र अब पढ़ाई में पिछड़ेंगे।
बच्चों की बढ़ गई परेशानी-
बताया जा रहा है कि एनसीईआरटी ने कक्षा 4-5 व 7-8 के सिलेबस में बदलाव किया है। इसके चलते नई किताबें अभी मार्केट में नहीं आ सकीं। एनसीईआरटी ने हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स, साइंस व सोशल स्टडी विषेय के सिलेबस में बदलाव किया है। वहीं सीबीएसई स्कूल चलाने वाले कुछ संचालकों ने बताया है कि अभी हमारे पास जो किताबें मौजूद हैं, वहीं बच्चों को पढ़ाएंगे। बाजार में किताबें नहीं मिलने से बच्चों की पढ़ाई कुछ हद तक प्रभावित तो होगी।