अतिथि शिक्षकों के ऊपर हुए लाठी चार्ज के विरोध में अतिथि शिक्षक संघ
ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग विद्यालय बहिष्कार की हुई शुरुआत
अनूपपुर। मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक के पद पर कार्य कर रहे हजारों शिक्षक पिछले कई वर्षों से अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं। और लगातार सरकार द्वारा भी उन्हें आश्वासन दिया जाता रहा है कि उन्हें विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किया जाएगा इसी कड़ी में बीते विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पंचायत बुलाकर उन्हें विभागीय परीक्षा लेने और 12 माह का सेवा कल के साथ ही वेतन दोगुना और अनुभव के अंक दिए जाने की बात कही गई थी। लेकिन वेतन वृद्धि के अलावा कोई भी बात अब तक पूरी नहीं हुई है यह महज एक चुनावी घोषणा रह गया है ऐसे में 2 सितंबर 2023 को हुई महापंचायत और किए गए घोषणाओं को लेकर अब अतिथि शिक्षक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में 1 वर्ष और एक माह बीत जाने के बाद बीते 2 अक्टूबर 2024 गांधी जयंती के अवसर पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक राजधानी भोपाल में जाकर अपनी मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे इस दौरान मध्य प्रदेश शासन की पुलिस ने बर्बरता दिखाते हुए पहले तो बिजली बंद कर दी गई इसके पश्चात रात के अंधेरे में अतिथि शिक्षकों को घेर कर उनके ऊपर लाठी चार्ज किया गया जिसमें सैकड़ो अतिथि शिक्षक घायल हुए महिला पुरुष अतिथि शिक्षक बुरी तरह से जख्मी हुए हैं जो आज भी अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में अब प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक काफी शुद्ध और नाराज दिखाई दे रहे हैं उनके अंदर काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है वह अब अपने-अपने स्थानीय स्तर पर ज्ञापन सौंपने और प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं वहीं प्रत्येक जिले में अब अतिथि शिक्षक विद्यालय बहिष्कार की भी बात कर रहे हैं इस कड़ी में अनूपपुर जिले के अलग-अलग ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा है जिसमें उन्होंने भोपाल में हुए अतिथि शिक्षकों के साथ मारपीट और पुलिस की मनमानी पर कार्यवाही की मांग की है साथ ही आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि अब जिले के सभी विद्यालयों का सामूहिक रूप से बहिष्कार करेंगे। आपको बता दें कि लगातार प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं और कई बार उन्हें झूठा आश्वासन ही मिला है ऐसे में एक बार फिर से शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन पर उनके ऊपर हुए लाठीचार्ज की वह अब निंदा कर रहे हैं और अपनी मांग को लेकर और भी उग्र हो रहे हैं । अब देखना यह है कि क्या सरकार अपना वादा पूरा करेगी या फिर से अतिथि शिक्षकों के साथ सिर्फ छलावा ही होगा।