भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने मुखबिर को नौकरी देने वाले नियम को समाप्त कर दिया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
डाकुओं की सूचना देने वाले मुखबिरों को अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
सामान्य प्रशासन विभाग ने यह प्रावधान निरस्त कर दिया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने 28 अगस्त 1981 को सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए कलेक्टरो को परिपत्र जारी किया था कि डाकुओं की सूचना देने वाले मुखबिरों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी जाए। अब प्रदेश में डकैत नहीं बचे, उनका खात्मा हो चुका है। इसलिए अब 43 वर्ष पुराने परिपत्र को निरस्त कर दिया गया है।साल 1981 में पारित इस नियम को मोहन सरकार ने खत्म कर दिया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि, पहले सरकार कुख्यात डाकुओं की सूचना देने के लिए मुखबिरों को सरकारी नौकरी में रखती थी ।