नोटिस जारी
एनजीटी द्वारा कमेटी गठित की और विभागों को नोटिस जारी किए गए
नल दमयंती के समय का यह किला और यहां पर झील तालाब
अवैधानिक रूप से रिसोर्ट बनाया गया
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी के ऐतिहासिक स्थल नरवर किले के आसपास झील व तालाबों पर अतिक्रमण का मामला एनजीटी में पहुंच गया है। शिवपुरी के कुछ युवा एडवोकेट द्वारा इसकी शिकायत एनजीटी में की थी, इसके बाद एनजीटी ने एक कमेटी गठित की है और संबंधित विभागों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि शिवपुरी जिले में नरवर ऐतिहासिक तहसील है और जहां पर ऐतिहासिक किला है। नल दमयंती के समय का यह किला और यहां पर झील तालाब है। यहां पर अवैध कब्जे कर लिए गए हैं। इस मामले में शिकायतकर्ताओं द्वारा एनजीटी में मामला ले जाया गया था जिसमें से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी और एनजीटी ने मामले में संबंधित विभागों से जवाब मांगा है।
नरवर किले के आसपास झील पर अतिक्रमण-
शिकायतकर्ता जीतेन्द्र चौरसिया, देवेन्द्र चौरसिया ने बताया कि शिवपुरी जिले की नरवर तहसील अपने एतिहासिक किले के लिए प्रसिद्ध है जो कि नल-दमयंती के समय का है लेकिन किले के साथ नरवर में जो अन्य एतिहासिक झील-तालाब आदि थे वो देखरेख और कब्जे-अतिक्रमण के चलते विलुप्त होते जा रहें हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। नरवर किले के नीचे किले की बड़ी दीवार है जिसके बाहर तत्समय एक खाई का निर्माण किया गया था जिसमे पानी भरा रहता था लेकिन आज उस खाई को अधिकतर भर दिया गया है एवं उसके ऊपर अनेक निर्माण किये जा रहे हैं।
अवैधानिक रूप से रिसोर्ट बनाया गया-
शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि पार वाली माता मंदिर के पास स्थित वेटलैंड जिसको लखना तालाब के नाम से भी जाना जाता है वहां पर अवैधानिक रूप से रिसोर्ट का निर्माण किया जा रहा जबकि सुप्रीम कोर्ट एवं वेटलैंड नियम 2017 के अनुसार किसी भी वेटलैंड के 50 मीटर के अंतर्गत कोई भी निर्माण नही किया जा सकता है। लखना तालाब कलेक्टर कार्यालय के रिकॉर्ड सूची अनुसार वेटलैंड माना गया है। ऐसे ही कई और तालाब जैसे दुआई तालाब, नया तालाब, आदि भी धीरे धीरे देखरेख के आभाव में विलुप्त होते जा रहे हैं।
एनजीटी ने कमेटी गठित की –
अब इस मामले को एनजीटी द्वारा संज्ञान लेते हुए एक कमेटी गठित की है जिसमे राज्य वेटलैंड प्राधिकरण का एक सदस्य, कलेक्टर शिवपुरी, एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल हैं जिनको नरवर जाकर वर्तमान स्थिति का जांच प्रतिवेदन एवं सम्बंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 6 हफ्ते में पेश करना है। साथ ही एनजीटी द्वारा पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली, मध्य प्रदेश राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, नगरीय प्रशासन भोपाल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आदि से भी इस मामले में की गई कार्यवाही का जवाब मांगा है।