लू लगने से सैकडो चमगादड़ों की मौत

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गर्मी में इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी हलाकान

झाबुआ। आदिवासी अंचल के झाबुआ जिले में भीषण गर्मी भी अपना कहर बरपा रही है।गर्म हवा के थपेड़ों से हर कोई परेशान है। तापमान 44,से 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है। गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब जीव-जंतु दम तोडने लगे हैं। झाबुआ शहर में तेज धूप व लू से झुलसकर चमगादड़ों की मौतें हो रही हैं।
गोरतलब है कि बीते 5 दिनों से तापमान बढ़ने से लगातार मौतें हो रही हैं। जिले में कई जगह पेड़ों के नीचे और आस-पास के क्षेत्र में चमगादड़ों के शव इधर-उधर पड़े हुए हैं। चमगादड़ों की मौत की संख्या का आंकड़ा अभी पता नही चल सका है, लेकिन सैकडो की संख्या में इनकी मोते हुई है। वहीं इतनी ज्यादा संख्या में चमगादड़ों के शव सड़ने से संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है। शहर के आवारा कुत्तों द्वारा मरे हुए चमगादड़ों को खाना बनाया जा रहा है। गर्मी का आलम यह है कि पेड़ पर लटके चमगादड़ की मौत हो जा रही है। शवों के सड़ने से आस-पास के इलाकों में काफी दुर्गंध फैल रही है।
वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों में जब तापमान 45 डिग्री को पार जाने लगता है तथा हवाएं काफी गर्म हो जाती हैं। इतनी ज्यादा गर्मी न बर्दाश्त कर पाने के कारण पेड़ों पर उल्टा लटकर बसेरा डालने वाले चमगादड़ों की मौत हो जाती है। चमगादड़ों की मौत के पीछे की वजह है उनका पानी कम पीना। चमगादड़ सुबह और शाम को ही पानी पीते हैं, दिन में पेड़ पर लटकर आराम करते हैं।

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