अमरकंटक। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक के गुरुद्वारा में खालसा देव वैसाखी पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।
वैशाखी पर्व को खालसा सम्मत अनुसार 30 मार्च 1699 वैसाख 1756 विक्रमी से शुरू होता है ।इस त्योहार में सिख समुदाय नगर कीर्तन , भजन नामक जुलूस का आयोजन भी करते है जिसमे पांच खाल्सा इसका नेतृत्व करते है और इनका पहनावा पंच प्यारे के अलग ही होते है ।
प्राप्त जानकारी अनुसार पंजाब जैसे राज्यों में फसल कटाई का त्योहार माना जाता है । वैसाखी पर्व रबि फसल पकने का त्योहार है जिसमे किसान अच्छी उपजी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद करते है । वैसाखी पर्व सीखो के अलावा हिंदू , ईसाई भी मनाते है । सिख समुदाय इस त्योहार को पंजाब में मेले जैसा रूप दे आयोजित भी करते है । यह कहा जा सकता है की वैसाखी का अर्थ वैशाख माह का त्योहार । दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी ।
अमरकंटक के गुरुद्वारे में इसी पर्व को मनाने अनेक जगह से सिख समुदाय गुरुद्वारे में पहुंच बड़े ही हर्षोल्लास के साथ एक जुलूस गुरुद्वारे से निकाल अमरकंटक नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए सर्किट हाऊस तिराहा से वापस हो वापस गुरुद्वारे में समाप्त किए । इस बीच खूब अतीश बाजी करते हुए प्रसन्नता और उत्साह नजर आ रहा था । गुरुद्वारे में कीर्तन , भजन , पाठ बराबर चलता रहा । इस तरह अमरकंटक गुरुद्वारे में हर वर्ष दूर दराज के सिख समुदाय एकत्रित होकर सभी एक साथ यह वैसाखी का पर्व मनाते चले आ रहे है । खालसा सजना देवेश नू समर्पित और वैसाखी पर्व गुरुद्वारा अमरकंटक में समागम कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।
अमरकंटक गुरुद्वारे में मनाया गया वैसाखी पर्व
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