भारत में कितना असर करेगा सूर्य ग्रहण

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ज्योतिषाचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी ने होने वाले 8 अप्रैल के सूर्य ग्रहण की जी जानकारी भारत में दिखाई देगा या नही लोगो में है भ्रम
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 12 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 9 अप्रैल दिन मंगलवार को 02 बजकर 22 एएम पर होगा. यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और स्वाति नक्षत्र में होगा यह ग्रहण भारत में दिखाई नही देगा
सूर्य ग्रहण के दिन सोमवती अमावस्या भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण आमवस्या पर और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगता है.
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण इस माह अप्रैल में लगने वाला है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राहु और केतु के कारण सूर्य ग्रहण लगता है क्योंकि वे सूर्य का ग्रास करने का प्रयास करते हैं. वहीं यह एक खगोलीय घटनाक्रम है. सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा जब एक सीध में आ जाते हैं तो उस समय सूर्य ग्रहण लगता है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटा पहले ही लग जाता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है.श्री अखिलेश त्रिपाठी जी ने बताया की सूर्य ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है.
आइए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पढ़े व्याकरण आचार्य सहज ज्योतिष आचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी से* जानते हैं सूर्य ग्रहण कब लगेगा और समय क्या है? सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों को दूर करने के उपाय क्या है
पहला सूर्य ग्रहण 2024?
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 12 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 9 अप्रैल दिन मंगलवार को 02 बजकर 22 एएम पर होगा. यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और स्वाति नक्षत्र में होगा.
सूर्य ग्रहण के दिन सोमवती अमावस्या भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण आमवस्या पर और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगता है.
सूर्य ग्रहण 2024 का सूतक काल
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व लगता है. इस आधार पर सूर्य ग्रहण का सूतक काल 8 अप्रैल को सुबह में 09:12 बजे से लगना चाहिए. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इस वजह से सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा.
कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2024
यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, कनाडा, यूरोप के कुछ पश्चिमी भागों और मेक्सिको में दिखाई देगा. इसके अलावा यह प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक में भी देखा जा सकता है.
सूर्यग्रहण का वैज्ञानिक महत्व
जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और इस दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है. इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं.

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