दो बैलों का किया शिकार
रायसेन। जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर गांव पेनगवां के पास एक दिन पहले ग्रामीणजनों को बाघ दिखाई दिया था।दूसरे दिन गुरुवार की रात के समय बाघ ने वहीं करमोदिया गांव में तालाब के पास खेत में बंधे दो बैलों का शिकार किया है ।
बाघ के मूवमेंट की सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पहुंचा और वहां से बाघ के पगमार्क जुटाएं हैं । इससे वहां पर बाघ के होने की पुष्टि हुई है और बाघ के द्वारा दो बैलों का शिकार करना पाया गया है ।
जलालपुर टपरा अल्ली निवासी किसान अतीक खान का खेत करमोदिया तालाब के पास है । खेत पर ही उसके दो बैल बंधे हुए थे ।
किसान अतीक खान के अनुसार रात में बाघ ने उसके दोनों बैलों को शिकार करके मार डाला । सुबह जब वह खेत पर पहुंचा तो उसके बैल खेत में मरे पड़े हुए थे ।
इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। जानकारी मिलते ही वन विभाग के रेंजर प्रवेश पाटीदार अपने अमले के साथ मौके पर पहुंचे ओर उनके द्वारा वहां पर जांच पड़ताल की गई । खेत में बाघ के पगमार्क भी लिए गए । वन विभाग द्वारा लगातार बाघ की सर्चिंग की जा रही है ।
बैल मलिक को नियमानुसार मुआवजा जा दिए जाने की बात करते हुए रेंजर प्रवेश पाटीदार ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से रायसेन के आसपास बाघ का मूवमेंट लगातार बना हुआ । पहले तो एक बाघ था अब दो बाघ और आ गए हैं । जिससे तीन बाघ हो गए हैं ।
महू जिले से आए बाघ किले की पहाड़ी वाले जंगल पर लगातार मूवमेंट बनाए हुए हैं। गत दिनों किले के पास उसने गाय का शिकार भी किया था ।
इसके बाद कई बार वहां पर वन विभाग को बाघ दिखाई दिया है ।
तब से पर्यटकों एवं रायसेन वालों का किले पर जाना प्रतिबंधित किया गया है ।
उसको पकड़ने के लिए दो पिंजरे भी रख पाए गए हैं , जबकि तीसरा पिंजरा किला पहाड़ी के नीचे गौशाला के पास रखवाया गया है।
इसके अलावा उसके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए 55 स्थानों पर ट्रेस कैमरे भी लगाए गए हैं लेकिन अब तक तीनों में से कोई भी बाघ पकड़ में नहीं आ सका है ।
क्षेत्र में किसानों को रात्रि के समय खेतों में नहीं जाने की सलाह दी गई है क्योंकि इन दोनों गेहूं की फसल की कटाई चल रही है । इसलिए किसानों का खेतों में आना-जाना बना हुआ है । किसानों को अपनी जान की सुरक्षा के लिए केवल दिन में ही खेत पर फसल कटाई करवाने की सलाह दी गई है।