November 29, 2023 7:17 am

क्या शिवराज के सर जीत का सेहरा बांधेगी लाड़ली बहनाएं •

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शिवराज के सर जीत का सेहरा बांधेगी लाड़ली बहनाएं • योजनाओं से होकर गुजरता जीत का रास्ता
अनुपपुर
17 नवंबर को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव है। हर पार्टी मतदाताओं को अपने-अपने स्तर पर लुभाने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस बीच महिला वोटर्स का रुझान भाजपा की ओर बढ़ता जा रहा है। कारण, जम्बूरी मैदान से मुख्यमंत्री ‘लाड़ली बहना योजना’ की शुरूआत महिलाओं के उत्थान के लिए शुरू की गई इस योजना के अलावा भी भाजपा सरकार ने 18 सालों के कार्यकाल में मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण की कई ऐसी योजनाएं शुरू की है जो भाजपा के लिए जीत का परचम लहरा सकती हैं। लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना, स्कॉलरशिप, स्कूटी, लैपटॉप और विदेशों में पढ़ाई जैसी योजनाओं ने भाजपा की जीत के रास्ते आसान किए हैं। योजनाओं के धरातल पर उतरने और भविष्य में इनके निरंतर रहने के भरोसे ने लोगों को भाजपा की तरफ बढ़ाया है। इस चुनाव में भाजपा की प्रचलित योजनाओं का मुकाबला कांग्रेस की कागजी योजनाओं से भी होगा। जिसमें भविष्य के गर्त में छिपी सुविधाओं पर आज हाथ में मौजूद व्यवस्थाएं भारी पड़ सकती हैं। वही प्रचलन में लाड़ली लक्ष्मी योजना अब तक प्रदेश की लाखों महिलाओं को फायदा पहुंचा चुकी है। जिसके चलते महिलाओं ने इन योजनाओं और इनके जनक कहे जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पार्टी भाजपा पर अपनी विश्वास मोहर को पुख्ता किया है। इधर लाड़ली बहना योजना के वजूद में आने के बाद भी महिलाओं का रिश्तों वाली सरकार पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। एक हजार रुपए महीना से शुरू हुए शगुन का आंकड़ा 1250 पर पहुंचा। रक्षा बंधन और दीवाली पर मिले तोहफे को बहनों ने इस रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि उनका भैया शिवराज कहे को कर दिखाने की ताकत भी रखता है और नीयत भी इसी तरह रसोई गैस के दामों में कमी का असर भी सीधे तौर पर महिलाओं के मन मस्तिष्क पर हुआ है और महिलाएं भाजपा सरकार में अपनी बेहतरी मानने को तत्पर होती जा रही है।

बेटियों के लिए स्कूटी और लैपटॉप ने भी महिलाओं को भाजपा की तरफ कदम बढ़ाने का कारण बनाया है। इन योजनाओं से स्कूलार्थी और कॉलेज जाने वाली बेटियां प्रफुल्लित चेहरों के साथ अपने अभिभावकों से भाजपा के लिए मतदान अपील करते नजर आ रही हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश में महिला हितों के लिए शुरू की गई योजनाओं की वजह से मध्यप्रदेश में भाजपा की जबरदस्त महिला सर्मथक है। बेटी के जन्म से पढ़ाई तक का खर्च राज्य सरकार उठा रही है। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत राज्य में किसी भी घर में बेटी का जन्म होने पर राज्य सरकार बेटी के नाम का प्रतिमाह चार हजार रुपए खर्च करती है, यह पैसा बेटी को 21 साल होने या फिर शादी के लिए दिया जाता है। यदि कोई बेटी शादी नहीं करना चाहती तो राज्य सरकार पढ़ाई के लिए उस पैसे को खर्च करती है। कुल मिलाकर सरकार बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्चा उठा रही है। लाडली बहना योजना भी बहनों का बड़ा सहारा बनी है। हर माह बहनों के खाते में 1250 रुपए की धनराशि जमा की जाती है, कुछ समय पहले ही इस राशि की छटवी किश्त जारी की गई। राज्य सरकार इस योजना पर अब तक 1596 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, जबकि अविवाहित महिलाओं को योजना के दायरे में लाने से लाडली बहना का परिवार बड़ा हो गया है।

बताते चलें कि मध्यप्रदेश में ढाई करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं और 230 विधानसभा सीटों में से लगभग 18 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है, साथ ही इस बार नई महिला मतदाताओं की संख्या मे लगभग 2.80 की वृद्धि भी हुई है। इस आंकड़े के अधिकांश हिस्से को किसी न किसी रूप में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है और इसलिए इस वर्ग का भाजपा पर खासा भरोसा है। महिलाओं का यही विश्वास भाजपा को इस चुनाव में भरपूर ताकत देने वाला है, जिससे वह अपनी मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस को भरपूर चुनौती भी देगी और इन्हीं योजनाओं से जीत का सेहरा अपने सिर पर बांधने में सफल भी हो सकेगी।

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