कॉलेज ओपनिंग में राजनीति का दबदबा, अधिकारियों को बैठने के लिए नहीं मिली कुर्सी
महाविद्यालय के प्राचार्य व प्राध्यापकों की हुई उपेक्षा
अनूपपुर। जिला मुख्यालय स्थित शासकीय तुलसी महाविद्यालय के पीएम श्री उत्कृष्ट महाविद्यालय के रूप में उन्नयन से उच्च शिक्षा के लिए सभी संकायों में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। शासकीय तुलसी महाविद्यालय के प्रधानमंत्री श्री उत्कृष्ट महाविद्यालय के उन्नयन शुभारंभ अवसर पर जमकर राजनीति देखने को मिली यहां पर प्रधानमंत्री ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज के उद्घाटन समारोह में पहुंचे अधिकारियों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं हुआ यहां पर भाजपा के कुछ तथा कथित नेता, मंडल अध्यक्ष, छुटभैया नेताओं ने कुर्सी और मंच पर कब्जा जमा रखा था। नाम न छापने की शर्त पर महाविद्यालय के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य तक को मंच में बैठने के लिए जगह नहीं दी गई वही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी दूसरी पंक्ति में बैठने की जगह दी गई, जबकि यह पूरा कार्यक्रम अधिकारी-कर्मचारी एवं महाविद्यालय के बच्चों के बीच संवाद का था लेकिन यह पूरा कार्यक्रम राजनीति की चादर ओढ़ा हुआ दिखाई दिया जहां पर शासकीय कर्मचारी-अधिकारी को मंच संचालन न देकर राजनीतिक व्यक्तियों को मंच संचालन करने का जिम्मा दिया गया जिस कारण से महाविद्यालय के प्राध्यापकों को एक्सीलेंस कॉलेज की जानकारी देने का मौका भी नहीं मिला और ना ही छात्रों को बोलने का कोई अवसर दिया गया, यह पूरा कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक दिखाई दिया।
राजनीतिक कार्यक्रम बना महाविद्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम
मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री आप एक्सीलेंस कॉलेज का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित हुआ जहां पर सभी महाविद्यालय के प्राचार्य व वहां पर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कॉलेज की जानकारी और वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा करनी थी लेकिन अनूपपुर जिला मुख्यालय स्थित शासकीय तुलसी महाविद्यालय जो अब प्रधानमंत्री आप एक्सीलेंस कॉलेज बन चुका है वहां पर इस कार्यक्रम के दौरान जमकर राजनीति देखने को मिली महाविद्यालय के छात्राओं की जगह नेताओं ने अपनी बयान बाजी करते हुए दिखाई दिए।
प्राचार्य व प्राध्यापकों के उद्बोधन की हुई अनदेखी
प्रधानमंत्री आप एक्सीलेंस कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम में शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्राचार्य को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली ना ही महाविद्यालय के प्राध्यापको प्रभारी को महाविद्यालय के उत्थान के बारे में अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। ऐसे में महाविद्यालय के इस कार्यक्रम में राजनीति भाभी दिखाई दिया और छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों की अपेक्षा की गई।
शिक्षा के मंदिर पर राजनीति हावी कैसे होगा विकास
यूं तो तुलसी महाविद्यालय पहले से ही राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है ऐसे में अब कॉलेज का उन्नयन एक्सीलेंस कॉलेज के रूप में होने के बाद यहां पर शिक्षा सुविधा और फैकल्टी में बढ़ोतरी होगी लेकिन शुरुआत से ही यहां पर राजनीति का दबदबा दिखाई दे रहा है ऐसे में भला यहां पर शिक्षा का स्टार कैसे सुधरेगा ना तो प्राध्यापको आजादी मिलेगी और ना ही छात्राओं को सही शिक्षा तो भला कैसे शिक्षा का स्तर ऊंचा उठेगा।