अनूपपुर: प्रबंधक की मनमानी किसानों को ऋण देने से कर रहा मना, किसान परेशान

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प्रबंधक की मनमानी किसानों को ऋण देने से कर रहा मना, किसान परेशान

पुराना ऋण बकाया बताकर किसानों को किया जा रहा परेशान

प्रबंधक और ऑपरेटर मिल कर समिति में कर रहे मनमानी

समिति के कुछ कर्मचारी किसानों से करते हैं बद्तमीजी

अनूपपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैंप्स अनूपपुर में इन दिनों मनमानी चरम पर है। वहां पर पदस्थ कर्मचारी और पदस्थ प्रबंधन की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि वह अब किसानों को भी परेशान करने लगे हैं। आलम यह है कि खरीफ ऋण 2025 की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है और किसानों को खाद बीज और नगद की आवश्यकता लेकिन प्रबंधक की मनमानी के कारण किसानों को समय पर खाद बीज नहीं मिल पा रहा है जिस कारण से किसान काफी परेशान हो रहे हैं। कई किसानों ने बताया कि प्रबंधक रोहित सिंह के द्वारा किसानों को पुराना ऋण बकाया बताकर उन्हें परेशान किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि आपको वर्तमान में खाद बीज नहीं दिया जाएगा जबकि किसानों का कहना है कि उनके द्वारा ऋण लिया गया था उसे बाकायदा जमा किया जा चुका है। किसानों ने बताया कि जब से प्रबंधक के तौर पर रोहित सिंह यहां पर आए हैं तब से नियम का हवाला देकर किसानों को सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है।

मनमानी पर उतारू प्रबंधक करते हैं दुर्व्यवहार

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैंप्स अनूपपुर में पदस्थ प्रबंधक रोहित सिंह मनमानी पर उतारू है उनके द्वारा जो भी फैसले लिए जा रहे हैं वह मनमानी तरीके से लिए जा रहे हैं बताया जा रहा है कि किसानों को लोन देने के नाम पर उनके द्वारा काफी परेशान किया जाता है और अभद्रता पूर्ण बात भी की जाती है। किसानों ने बताया कि सहकारी समिति किसानों के लिए बनी हुई है और यहां पर किसानों की सहायता की जानी चाहिए लेकिन इसके पूर्व जो भी प्रबंधक थे उनके द्वारा किसानों से काफी अच्छा व्यवहार किया जाता था लेकिन जब से यह प्रबंधक आए हुए हैं तब से किसान काफी परेशान है इनके द्वारा किसानों को अपने नजदीक भी नहीं आने दिया जाता और दूर से ही दुर्व्यवहार कर भगा दिया जाता है।

ऋण चुकाने के बाद भी अपात्र किसान हो रहे परेशान

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर में भररेशाही का आलम बना हुआ है जब से नए प्रबंधक के तौर पर रोहित सिंह ने यहां पर जिम्मेदारी संभाली है तब से यहां पर पदस्थ कर्मचारी भी मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं वहां पर पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर, सेल्समेन समेत दो तीन ऐसे कर्मचारी हैं जो अपने आप को प्रबंधक से भी बड़ा मानते हैं और वहां पर जाने वाले कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हुए नजर आते हैं कई किसानों ने बताया कि वहां पर पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर अपने आप को पूरे समिति का मुखिया मान बैठा है और मनमानी करता रहता है। कई किसानों ने बताया कि इस वर्ष वह लोन लेने के लिए और खाद बीज लेने के लिए समिति में गए तो उन्हें पुराना ऋण बकाया बताकर अपात्र बताया जा रहा है जबकि उनके द्वारा ऋण चुकाया जा चुका है। समिति में पदस्थ कर्मचारियों में कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो किसानों से ऋण वसूल कर पैसा तो रख लेते हैं लेकिन उनके खाते में उसे दर्ज नहीं करते और आने वाले समय में उन्हें किसानों को बकाया ऋण कहकर लोन देने से मना कर दिया जाता है। और किसानों बही खाते में काट पीट करते हुए सफेदा लगाकर उसे दोबारा सही करने का प्रयास कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है।

2023 का बकाया फिर कैसे 2024-25 में मिला लोन

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैंप्स अनूपपुर में प्रबंधन और कर्मचारियों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि किसी भी किसान को अपात्र घोषित किया जा रहा है। समिति में वर्षों से लगातार क्रेडिट कार्ड का लाभ ले रहे एक किसान ने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2023 में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खाद और नगद रुपए लिए थे और विधिवत उसे चुकाया भी है लेकिन वर्तमान में खरीफ ऋण 2025 के लिए जब वह समिति से ऋण के लिए आवेदन कर रहा है तो उसे खाद और नगद देने से मना किया जा रहा है प्रबंधन का कहना है कि आपका 2023 का लोन बकाया है। किसान ने बताया कि अगर उसने 2023 का ऋण नहीं चुकाया तो उसे 2024 में ऋण कैसे मिला वही किसान ने कहा कि उसे रबी सीजन 2025 में भी ऋण दिया गया है। ऐसे में अगर किसान द्वारा 2023 का ऋण नहीं चुकाया गया था तो उसे तीन बार ऋण कैसे प्रदान किया गया और अब उसे वर्तमान में ऋण बकाया कहकर अपात्र बताया जा रहा है।

प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर कर रहा मनमानी

कई किसानों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर में पदस्थ प्रबंधक और एक कंप्यूटर ऑपरेटर जो अपने आप को पूरे समिति का मुखिया मानता है जो पूरे समिति में मनमानी करते हुए नजर आता है चाहे वह धान खरीदी हो या गेहूं खरीदी फर्जी पंजीयन करा कर अपने खास और चहेते लोगों के खाते में धान बेचने की गतिविधि से लेकर फर्जी तरीके से खाद बेचने की भी गतिविधि करते रहते हैं। पूर्व में अपने एक चहेते के साथ मिलकर फर्जी पंजीयन का सहारा लेकर कई लाख रुपए का फर्जी तरीके से धान बेचा गया था जिसमें जांच के बाद कार्यवाही भी हुई थी। वर्तमान में कई किसानों ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जाता है और एक ही कार्य के लिए बार-बार समिति बुलाया जाता है कुछ किसानों से पैसे भी मांगे गए वहीं कुछ किसानों ने बताया कि कमीशन देने से कार्य जल्दी करने की भी बात सुनने को मिल रही है।

इनका कहना है-

हमारे खाते में ऋण बकाया दर्ज है आपको ऋण नही दिया जाएगा।

रोहित सिंह, प्रबंधक, आ.जा.सेवा.सह.स. मर्यादित अनूपपुर।

आपके द्वारा जानकारी मिल रही है अगर किसानों को परेशान किया जा रहा है तो कार्यवाही की जाएगी।

सुनीता गोटवाल, उपायुक्त सहकारिता विभाग अनूपपुर।