



पूरी सफाई बाद रुकेगा अभियान,अब नहीं होने देंगे नर्मदा में जलकुंभी का विस्तार – शिवप्रसाद
अनूपपुर। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक जो मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थलों में से एक है । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहल पर मध्य प्रदेश में शुरू किया गया जल गंगा संवर्धन अभियान पूरे प्रदेश में एक जन आंदोलन हो गया है । इस अभियान के तहत ही नर्मदा नदी पर बने पुष्कर डैम के नीचे लक्ष्मी सरोवर और वैतरणी नदी में वर्षों से पनप रही जलकुंभी अब अपना इतना विस्तार कर लिया था कि पूरा का पूरा डेम जलकुंभी के आगोस में समाए जा रही थी । पार्षद वार्ड क्र आठ के सुखनंदन सिंह ने बताया कि लक्ष्मी सरोवर डेम का जल वर्षों से पनप रही जलकुंभी के कारण अब दूषित होते जा रहा था । जलकुंभी के आगोश की वजह से सरोवर का जल भी दिखना धीरे धीरे कम होते जा रहा था । वार्ड नौ के पार्षद जोहान लाल चंद्रवंशी बताते है कि इस डेम में स्नान करने से लोगों में भय का वातावरण बना रहता था , स्नान करते वक्त कब कहां से कौन स जल जीवजंतु या कीड़े मकोड़े पास आ न जाएं । ऐसा भयावह वातावरण डैम में लगातार बना रहता था । जब से जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ हुआ तब से लगातार इस अभियान के तहत अमरकंटक में नदी , डेम (तालाब) , कुंआ आदि जल श्रोत स्थलों को अभियान के तहत नर्मदा नदी सफाई अभियान लगातार चलाया जा रहा है । नर्मदा में जलकुंभी पूरी तरह से समाप्त करने के लिए नगर परिषद के सीएमओ शिवप्रसाद धुर्वे ने बताया कि जब तक जलकुंभी निकल नहीं जाती तब तक स्वच्छता के कार्य जारी रहेंगे । हमने कार्यालय द्वारा मजदूर भी अलग से लगाए है उनके माध्यम से भी जल्द से जल्द नर्मदा से जलकुंभी को पूरी तरह से समाप्त की जा रही है । इस अभियान में नगर के जनप्रतिनिधि , संत समाज , गणमान्य नागरिक भी अपना अपना श्रमदान करने बीच बीच में आते जाते रहते है ।
नर्मदा नदी से निकाला गया कचड़े या जलकुंभी को अलग से वाहन लगाकर अन्यत्र जगह फेंकवाया जा रहा है ।
यह अभियान 30 मार्च से शुरू होकर 30 जून 2025 तक चलेगा जिसका मुख्य उद्देश्य न केवल जल श्रोतों को पुनर्जीवित करना है बल्कि समाज में जल संरक्षण को लेकर स्थाई जागरूकता को भी लाना था । यह अभियान काफी अच्छा चला । नगर परिषद अमरकंटक के कर्मचारीगणों द्वारा रोजाना प्रातः से कई घंटे अपना श्रमदान करते थे । सभी के सहयोग और श्रमदान से करने से लक्ष्मी सरोवर में छाई जलकुंभी अब समाप्ति की ओर दिखने लगी है । नगर परिषद सीएमओ शिवप्रसाद धुर्वे , लेखशाखा अधिकारी चैन सिंह मंडलोई , बैजनाथ चंद्रवंशी , राजकुमार सिंह ,मेघा सिंह , गणेश यादव , भगवान दास , दुर्गेश यादव , पूर्णिमा प्रजापति , श्रीमती सुरेखा सिंह , उमेश मरावी , अजय ऊईके, राजेंद्र जयसवाल(ननका), हरनारायण पांडेय आदि