



सारनाथ के धमेक स्तूप की तरह ही है प्राचीन
– शिवपुरी जिले के बुधोन राजापुर गाँव को शिवपुरी जिले की साँची कहा जाये तों अतिशयोक्ति नहीं होगी।
– राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर खास
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। मप्र के शिवपुरी जिला मुख्यालय से 72 किमी दूर खनियाधाना तहसील में 2300 वर्ष से अधिक पुराना प्राचीन बौध्द स्तूप आज भी अपनी उत्कृष्टता कायम किए हुए बुधोन राजापुर गाँव मे खड़ा है ।
स्थानीय गांववाले लोगों के बीच यह “कुटिया मठ ‘के नाम से विख्यात है-
गाँव के नाम से ही परिलक्षित होता है कि गांव का भगवान बुद्ध के नाम से अवश्य ही कुछ संबंध रहा होगा।
स्तूप की ईंटों, उसकी सरंचना शैली और उसके स्थापत्य को देखकर इसका स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक द्वारा ही किया गया होगा । यह बिल्कुल सारनाथ के धमेक स्तूप की तरह है ।
बौद्ध सर्किट के प्रचार प्रसार हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर म. प्र पर्यटन बोर्ड निरंतर प्रयासरत है।
यह परिसर गबुला नाला,महौर, धपोरा जलाशय तथा अहीर नदी के समीप है तथा समीप ही लोहरचा, धपौरा,छिरैंटा तथा पिपरो वनवृत्त की प्राकृतिक दृश्यावली के बीच यह अपने गौरवशाली अतीत की पहचान को दर्शाता है।
सम्राट अशोक ने अपने गुरु मोग्गलीपुत्त तिष्य के परामर्श और भिक्षु कुणाल के कहनेपर भगवान के प्रति अपनी अनन्य श्रद्धा,जनहित कल्याण और समस्त जगत के हित सुख की कामना के साथ भगवान बुद्ध के अवशेषों पर स्मृति स्तूपों का निर्माण करवाया था।
इन्ही में से बुधोन राजापुर गांव का स्तूप भी एक है ।
शिवपुरी जिले के बुधोन राजापुर गाँव को शिवपुरी जिले की साँची कहा जाये तों अतिशयोक्ति नहीं होगी।