



एक ही परिवार से 4 लोगो की मौत
अनूपपुर। आदिवासी बाहुल्य अनूपपूर जिले में डायरिया का कहर बरप रहा है। डायरिया की चपेट में आने से बैगा संरक्षित जाति के एक ही परिवार के 4 लोगो की मौत का मामला सामने आया है। है। 4 लोगो की मौत की खबर से जिले में सनसनी फैल गई है। डायरिया के चपेट में आने से पेट में पल रहा 8 नवजात शामिल है। जिसने अभी आंखे भी नही खोली थी और गर्भ में ही दम तोड़ दिया, यह पूरी घटना अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के सालारगोंडी की बताई जा रही है।
अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के सालारगोंडी में डायरिया के चपेट में आने से संरक्षित जाति बैगा जाति के एक ही परिवार के 4 लोग की मौत हो गई। माखन बैगा, उम्र 56 वर्ष , झिखिया बाई, उम्र 75 वर्ष, लीलाबत्ती उम्र 20 वर्ष की मौत हो गई हैं। लीलावती के पेट में 8 माह का बच्चा भी पल रहा था, उसकी भी मौत हो गई हैं। वही उल्टी दस्त से दो अन्य जेठू बैगा ,उम्र 65 ,अनुज बैगा 1.5 साल की हालत गंभीर होने पर शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया हैं।
वही इस पूरे मामले पर पुष्पराजगढ़ बीएमओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि माखन बैगा, टीवी एवं अन्य बीमारी से 5 से 6 माह से बीमार था। उसकी मौत हुई है। उसके दूसरे दिन झिखिया बाई की हालत गंभीर हुई ,जिसे प्राइवेट अस्पताल ले जाया गए। जहां बीपी ज्यादा बढ़ने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी गई ,लेकिन उसे अस्पताल में भर्ती न कर घर ले जाया गए, जहां उसकी मौत हो गई। वही दादी सास के मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने आई लीलाबत्ती पति नरेंद्र बैगा की अचानक तबियत बिगड़ गई ,जिसे करपा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत्यु घोषित कर दिए। उसके पेट में 8 माह का बच्चा पल रहा था, उसकी भी मौत हो गई। कोई उल्टी दस्त की शिकायत पर जेठू बैगा , अनुज बैगा को शहडोल मेडिकल भेजा गया हैं, जहां उसका इलाज चल रहा है।
सालारगोंडी के सरपंच विक्रम प्रसाद ने बताया कि उल्टी दस्त की शिकायत पर बैगा परिवार के चार सदस्य की मौत हुई हैं। करपा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है, वहां डॉक्टर नहीं है। डॉक्टर के अभाव में ही उनकी मृत्यु हुई है। इसके साथ ही नल जल की भी व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों को शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा है।