प्रगतिसील ढाबा पर उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना

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सामान्य बिल पर जोड दिया था जीएसटी चार्ज
अनूपपुर। भोजनालय में भोजन कर रहे एक ग्राहक को गलत बिल दिए जाने पर उपभोक्ता के द्वारा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिरोपण आयोग में मामले की शिकायत की गई है। जिसमें कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए भोजनालय संचालक को अर्थ दंड के साथ मानसिक क्षति व वाद विवाद देने का आदेश जारी किया है साथ ही कच्चे बिल पर लिए गए जीएसटी के चार्ज को भी वापस करने का आदेश दिया गया है।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 20 जनवरी को धिरौल के रहने वाले दुर्गेश पिता बुद्धसेन पटेल कोतमा रोड स्थित भोजनालय में भोजन का ऑर्डर अपने लिए किया गया। जहां पर खाना खाने के बाद ग्राहक के द्वारा दुकानदार से बिल की मांग की गई। दुकानदार के द्वारा समान बिल प्रारूप में बिल काटकर उसमें जीएसटी चार्ज जोड़कर ग्राहक से 363 और 19 रुपए जीएसटी के रूप में टोटल 382 रुपए लिए गए। जिस पर ग्राहक के द्वारा अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई गई लेकिन दुकानदार ने उसकी एक नहीं सुनी जिस बात से दुखी होकर ग्राहक दुर्गेश के द्वारा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिरोपण आयोग अनूपपुर में केस दाखिल किया गया। कोर्ट ने पाया कि सामान्य बिल प्रारूप होने के बावजूद भी दुकानदार के द्वारा जीएसटी का चार्ज लिया गया जो जोकि सेवा में कमी माना गया। जिस पर फोरम ने आदेश जारी करते हुए प्रगतिशील भोजनालय के खिलाफ आदेश पारित किया है पारित हुए आदेश में ग्राहक से लिए गए अतिरिक्त जीएसटी चार्ज को वापस करने, मानसिक क्षति के रूप में 5000 करने के अलावा वाद व्यय के रूप में ₹2000 का अर्थ दंड लगाने का आदेश दिया गया है जिसे समय सीमा के भीतर कोर्ट में जमा करना होगा।
आमतौर पर ग्राहक अपने अधिकारों का प्रतीक सजक कम ही है लेकिन कुछ ही है जो समाज में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं उपभोक्ता फोरम विवाद प्रतिरोध आयोग न्यायालय में अपने अधिकारों का उपयोग उन उपभोक्ताओं के लिए सिख है जो बाजार में दुकानदारों की ठगी का शिकार होते हैं और हमेशा टैक्स के नाम पर लूटते आ रहे हैं।

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