घुनघुटी कोटेदार के द्वारा गरीबों के हक पर डाला जा रहा डाका

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मध्य प्रदेश शासन की मनसा पर लगाया जा रहा पालीता

उमरिया। रामकृपाल विश्वकर्मा। उमरिया जिले के जनपद पंचायत पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत घुनघुटी कोटेदार की एक ऐसी शासकीय उचित मूल्य दुकान की जो कभी खुलती है तो कभी नहीं खुलती यहां के रहने वाले लोगो ग्रामीण को हर महीने का राशन उन्हें नसीब नहीं होता। ऐसा ग्रामीणों ने आरोप लगाया है। जिसकी शिकायत एसडीएम तहसीलदार और कलेक्टर को भी की गई थी। ग्रामीणों का आरोप था कि उचित मूल्य दुकान के विक्रेता द्वारा कभी कभार दुकान खोला जाता है जिसकी वजह से लोगों को राशन नहीं मिल पाता कलेक्टर के आदेश अनुसार 16 जुलाई मंगलवार को तहसीलदार सनत सिंह द्वारा निरीक्षण किया गया जहां पर शिकायत सही पाई गई और घुनघुटी कि शासकीय उचित मूल्य दुकान बंद पायी गयी। इसके अलावा जब उन्होंने ग्रामीणों से शासकीय उचित मूल्य दुकान के संबंध में बात करनी चाहि तो उन्होंने कोटे और कोटेदार के बारे में काफी शिकायतें बताएं जिन शिकायतों को तहसीलदार द्वारा सभी शिकायतों का पंचनामा बनाकर उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के लिए प्रेषित कर दिया गया है।

हम आपको बता दें की 16 जुलाई दिन मंगलवार को घुनघुटी शासकीय उचित मूल्य दुकान में जिस तरह तहसीलदार द्वारा औचक निरीक्षण किया गया जहां पर शिकायत के अनुसार शिकायत सही पाई गई और दुकान बंद मिली और ग्रामीणों द्वारा कोटेदार की बहुत सी शिकायतें भी तहसीलदार के सामने रखी गई इसी तरह अगर कोटेदार की दो और दुकानों में औचक निरीक्षण किया जाए जैसे की ग्राम पंचायत मलिया गुड़ा की शासकीय उचित मूल्य दुकान ग्राम पंचायत तिमनी की शासकीय उचित मूल्य दुकान क्योंकि एक ही कोटेदार द्वारा मलियागुड़ा तिमनी और घुनघुटी शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जा रहा है आखिर सरकार की क्या मंशा है या फिर इसमें अधिकारियों की मिलीभगत है की एक ही कोटेदार को तीन-तीन दुकानों का संचालन दिया गया है और तीनों ही दुकानों का यही बुरा हाल है और ग्रामीण परेशान हैं की महीना में सिर्फ एक बार दुकान खोली जाती है और उसका भी कोई समय नहीं है कितने बजे दुकान खुलेगी।अगर किसी को राशन मिला तो ठीक है और नहीं मिला तो फिर उसे दोबारा राशन नहीं मिलेगा सुबह से शाम तक ग्रामीण अपना सारा काम छोड़कर कोटे के सामने आकर बैठ जाते हैं ।और कोटा खुलने का इंतजार करते-करते अपने-अपने घर वापस चले जाते हैं चाहे फिर वह गर्मी की धूप हो बरसात हो या ठंडी का मौसम हो इसी तरह से ग्रामीण अपने हक का अनाज लेने आते हैं और मायूस होकर लोग वापस चले जाते हैं इन तीनों ही शासकीय उचित मूल्य दुकान से ग्रामीण जन परेशान हैं अब यह देखना होगा कि ग्रामीण जनों की शिकायत तहसीलदार द्वारा निरीक्षण करने पर दुकान बंद पाई जाना सारी शिकायतों का पंचनामा होने के बाद उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं यह तो देखने वाली बात होगी।

इनका कहना है। 
शासकीय उचित मूल्य दुकान घुनघुटी का निरीक्षण किया गया जहां ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा कोटेदार की भी शिकायतें प्राप्त हुई है जिनका पंचनामा बना लिया गया है और उच्च अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए प्रेषित कर दिया गया ह

सनत सिंह, तहसीलदार 

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