पशुपालकों से पशुओं को घर में बांध कर रखने की पशुपालन विभाग ने की अपील

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दुर्घटना में घायल गौवंश को प्राथमिक उपचार देने टोल फ्री नम्बर 1962 पर किया जा सकता है सम्पर्क
अनूपपुर। वर्षा ऋतु प्रारंभ होने से धान की बोनी प्रारंभ हो चुकी है। राजमार्गों एवं नगर पालिका क्षेत्रों में आवारा (निराश्रित) गौवंशज पशु विचरण करते देखे जा रहे हैं। उक्त पशुओं का जहां एक ओर सड़क दुर्घटना से मृत्यु होते देखे जा रहे हैं, वहीं फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों से एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जनपद पंचायत अधीनस्थ राजमार्गों से आवारा गौवंशजों को नजदीकी गौशालाओं मे प्रतिस्थापित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। गौशालाओं में प्रतिस्थापित पशुओं में 12 अंक के इनाफ टैग लगाकर पंजीकृत कर लिए जाएंगे। पशुपालक द्वारा पशु वापस मांगे जाने पर कलेक्टर द्वारा निर्धारित अर्थदण्ड की वसूली किए जाने पर ही पशुपालक को पशु वापस किए जा सकेंगे। उक्ताशय की जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ. ए.पी. पटेल ने पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं को घर में बांध के रखें, अन्यथा गौशालाओं में प्रतिस्थापित किए जाने पर पशु गौशाला की मानी जायेगी। उन्होंने बताया है कि वर्ष 2024-25 गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें गौशाला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके अंतर्गत गौशालाओं में गौपूजन, माल्यापर्ण, छोटे मांगलिक कार्य आदि कार्य किये जाते हैं। उन्होंने बताया है कि राज्यमार्गों पर दुर्घटना में घायल गौवंश को प्राथमिक उपचार हेतु पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित चलित पशुचिकित्सा इकाई के टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर 1962 का किसी भी व्यक्ति द्वारा उपयोग कर चिकित्सा दल को बुलाया जा सकता है। तदुपरांत घायल गौवंश को नगरीय निकाय द्वारा हाईड्रोलिक काऊ कैचर के माध्यम से गौशालाओं में पहुंचाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है।

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