अब पूरा मामला जांच में
– कलेक्टर कार्यालय के नाजिर शाखा में लगी आग के बाद लोअर सिंचाई प्रोजेक्ट के मुआवजा घोटाले की फाइलें हो गई खाक
-2208 करोड रुपए की सिंचाई प्रोजेक्ट में जिन्हें मुआवजा बांटा उनके खाते कराए गए होल्ड
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले के कलेक्टर कार्यालय में शनिवार को लगी आग के बाद अब इस मामले के तार 2208 करोड रुपए के प्रोजेक्ट वाली लोअर सिंचाई प्रोजेक्ट के मुआवजा घोटाले की फाइलों से जोड़े जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में जो अग्निकांड हुआ है उस शाखा में पिछोर क्षेत्र के लोअर सिंचाई प्रोजेक्ट के मुआवजा घोटाले की कई फाइनलें रखी हुई थी। सूत्रों ने बताया कि ेेकलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में 2208 करोड़ की लोअर उर बांध सिंचाई प्रोजेक्ट और अन्य प्रोजेक्ट के भू-अर्जन का रिकार्ड रखा हुआ था। अब इस अग्रिकांड के बाद यह रिकार्ड जला है। हालांकि दूसरी ओर कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि विभिन्न शाखाओं की ज्यादातर फाइनलें सुरक्षित हंै लेकिन फिर भी इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। कलेक्टर ने बताया है कि अपर कलेक्टर दिनेश चंद शुक्ला को मजिस्ट्रियिल जांच के निर्देश गए हैं।
पिछोर में 2208 करोड रुपए की योजना-
शिवपुरी जिले के पिछोर में लोअर उर बांध सिंचाई प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है जिसमें 2208 करोड रुपए का यह प्रोजेक्ट है जिसमें भू-अर्जन सहित अन्य कार्य हुए हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय की नाजिर शाखा में जो अग्निकांड हुआ है उसमें भू-अर्जन वाले खातों में मुआवजा राशि जारी हुई है। इन मुआवजा राशि की कई फाइलें इस नाजिर शाखा में रखी हुई थी और जहां पर ही अग्निकांड के बाद इन फाइलों को जलने की आशंका व्यक्त की गई है। फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है लेकिन ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है कि इस मुआवजा घोटाले की कई फाइनलें जलकर खाक हो गई है। जिन दो संदिग्धों को सीसीटीवी में देखा गया है उन्होंने सीधे नाजिर शाखा के कार्यालय के बाहर जाकर यहां पर आग लगाई है। सीसीटीवी फुटेज में दो युवक संदिग्ध व्यवस्था में आग लगाते हुए देखे गए हैं।
सीधे एक कक्ष में जाकर क्यों लगाई आग-
कलेक्टर कार्यालय में शुक्रवार-शनिवार की रात्रि को जो संदिग्ध कलेक्टर कार्यालय के पास देखे गए हैं उन्होंने सीधे नाजिर शाखा में जाकर यहां पर आग लगाई है। सीसीटीवी फुटेज में यह दोनों युवक दिख रहे हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस नाजिर शाखा में पिछोर लोअर उर बांध सिंचाई प्रोजेक्ट की कई फाइलें रखी थीं। करीब 5 साल पहले बांध के डूब क्षेत्र में आ रहे गांव में किसानों को जमीन, मकान आदि का मुआवजा मंजूर किया गया था। बताया जाता है कि मुआवजा की लिस्ट बनाकर भू अभिलेख कार्यालय भेजी गई थी लेकिन नजूल शाखा से भू अर्जन के केस में ऐसे लोगों के खातों में मुआवजा राशि जारी कर दी गई जिनकी ना तो जमीन थी और ना ही वहां पर वह निवास करते थे। ऐसे में बताया जा रहा है कि तत्कालीन अधिकारियों ने जहां पर बिल जनरेट किए और वेरिफिकेशन की और ओटीपी जनरेट भी किया। अब पूरे मामले की फाइनलें इस कार्यालय में हुए अग्रि कांड जलने की बात कही जा रही है। फिलहाल अब पूरा मामला जांच में है।
मजिस्ट्रियिल जांच कराई जा रही है- कलेक्टर
इस मामले में शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया है कि शुक्रवार- शनिवार की रात्रि में दो लोगों ने यहां पर कलेक्टर कार्यालय में आकर के आग लगाई है। सीसीटीवी फुटेज में यह दो लोग देखे गए हैं। पूरे मामले की मजिस्ट्रियिल जांच कराई जा रही है। नजूल शाखा से संबंधित और अन्य कुछ जो भी रिकॉर्ड जला है उसके बारे में पता किया जा रहा है। पूरे मामले की जांच के दौरान पता किया जा रहे हैं कि कौन-कौन सा रिकॉर्ड जला है। इस पूरे मामले में पुलिस के अलावा एडीएम जांच कर रहे हैं।