महिलाओं को पूजनीय मानते हैं लेकिन इसके उलट व्यवहार कैसा करते हैं यह सोचनीय

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पीजी कॉलेज में महिला दिवस पर वक्ताओं ने रखे विचार

– परिचर्चा का हुआ आयोजन

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी में शासकीय माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय महिला मन:स्थिति एवं परिस्थिति रखा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो पुनीत कुमार ने विषय प्रवर्तन करते हुए वर्तमान समाज में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिलाओं को पूजनीय मानते हुए भी उनके साथ अनवरत होने वाले शोचनीय व्यवहार पर चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन कर रहीं प्रोफेसर पल्लवी शर्मा ने महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए संभ्रांत परिवारों में महिलाओं के साथ होने वाले असभ्य संवाद और मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के दो आयाम हैं जिनमे से एक पक्ष में सामाजिक एवं पारिवारिक परिस्थितियों से सभी वाकिफ़ हैं जबकि एक पक्ष मे पुरुष के अहम को पोषित करते हुए महिला को पारिवारिक और सामाजिक जीवनयापन करना पड़ता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो साधना रघुवंशी ने स्वयं को मन से आदेशित न होते हुए मन को स्वयं के द्वारा आदेशित करने पर जोर दिया। डॉ शुभा वार्ष्णेय ने महिलाओं को पारिवारिक जिम्मेदारियों से निपटने के लिए साहसी बनने के लिए प्रेरित किया एवम महिलाओं के आजकल हर कार्य में आगे बढ़ने की महत्वाकांक्षी सोच को पूरा करने के लिये प्रोत्साहित किया। प्रो शुभांगी भारद्वाज ने वर्ष 2024 के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के विषय को उठाते हुए महिलाओं को महिलाओं की मदद करने पर जोर दिया। डॉ किरण मेहरा ने स्त्री के प्रति सभी को सन्मान की भावना रखने के लिए आग्रह किया। प्रो वंदना सोनी ने महिलाओं को सुरक्षित रखने की चुनौतियों का विस्तार से जिक्र किया।
प्रो देवेन्द्र द्वर्ग ने महिलाओं को स्वयं ही जागरूक होने के लिये एवम निर्धारित मापदंडों से परे हटकर अपने जीवन को निर्देशित करने के लिये कहा। प्रो तृप्ति शर्मा ने महिलाओं को पारिवारिक मजबूरियों के वश होकर करने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। प्रो वीरेंद्र कौशल ने महिलाओं द्वारा घर एवम बाहर कार्य करने की चुनौतियों का जिक्र किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो महेंद्र कुमार ने महिलाओं के सशक्त होने के लिए परिवार के स्तर से पहल करने को कहा क्योंकि वर्तमान में महिलाओं का सशक्तिकरण कई रूपो में होता जा रहा है इसलिए पारिवारिक पहल से सामाजिक चुनोतियाँ जैसे दहेज प्रथा के निराकरण की बात भी प्राचार्य ने अपने संबोधन में की।
इस पूरे कार्यक्रम की संयोजक अर्थशास्त्र विभाग की विभागध्यक्ष डॉ मंजुलता गर्ग ने महिलाओं के जीवन के रीतिरिवाजों एवं त्योहारों में भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाएं अपने रीतिरिवाज स्वेच्छा से मना रहीं हैं इसलिए जहां अनिकछुक कार्य हो वहां महिलाओं पर अनावश्यक भार लादना गलत है। कार्यक्रम के अंत में प्रो मंजुलता गर्ग ने कविता पाठ कर कार्यक्रम का समापन किया।सभी वक्ताओं ने संवाद कार्यक्रम मे अपनी सहभागिता पर हर्ष व्यक्त करते हुए नेक प्रभारी प्रो पुनीत कुमार की पहल का स्वागत किया ।सम्पूर्ण कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो महेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।

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