हाइलाइट्स
हूती गुरिल्लाओं के लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हो रहे हमलों से भारत की इकोनॉमी पर असर पड़ेगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि हूतियों का हमला एक समस्या है.
इसके कारण कई देशों ने जहाजों को दूसरे रास्ते पर मोड़ना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली. यमन (Yemen) के ईरान समर्थित हूती (Houthi) गुरिल्लाओं के लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हो रहे हमलों की वजह से भारत की ऊर्जा और इकोनॉमी (Economy) पर असर पड़ेगा. हूती गुरिल्ला इजरायल-हमास की जंग (Israel-Hamas Wae) में शामिल होने वाले सबसे नया संगठन हैं. हूती लाल सागर में उन जहाजों पर हमला कर रहे हैं, जो या तो इजरायल के हैं या इजरायली बंदरगाहों की ओर जा रहे हैं. जिससे अमेरिका के साथ उनका सीधा टकराव हो रहा है. जिसके एक मालवाहक जहाज को सोमवार को अदन की खाड़ी में विद्रोही समूह ने तबाह कर दिया था. गौरतलब है कि लाल सागर स्वेज नहर के जरिये हिंद महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ता है.
जब News18 ने विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने बताया कि हूती विद्रोही जहाजों को क्यों निशाना बना रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि पहले समुद्री डकैती थी, समुद्री डकैती पहले थमी थी मगर अब यह फिर से बढ़ रही है. मगर हूतियों का हमला एक अलग समस्या है. ड्रोन हमले और मिसाइल हमले अलग-अलग समस्याएं हैं. इसके कारण कई देशों ने जहाजों को दूसरे रास्ते पर मोड़ना शुरू कर दिया है और इसका अपना खर्च है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हमलों से भारत के ऊर्जा और आर्थिक हितों पर असर पड़ेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को तेजी से हल किया जाना चाहिए.
कई जहाज कंपनियों ने की रास्ता बदलने की घोषणा
कई जहाज कंपनियों ने घोषणा की है कि हूतियों के लाल सागर में जहाजों पर हमला करने के बाद वे यूरोप पहुंचने के लिए केप ऑफ गुड होप के रास्ते को अपना रहे हैं. हूतियों का ताजा हमला वियतनाम से इजरायल जा रहा ग्रीस का मालवाहक जोग्राफलिया पर हुआ. जिसे 17 जनवरी को हूतियों ने अपने हमले का निशाना बनाया था. हाल ही में ईरान की आधिकारिक यात्रा पर गए जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह विकास योजना सहित द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने में तेजी लाने के संबंध में 16 जनवरी को राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी से मुलाकात की.
ब्रिटेन, अमेरिका ने बोला हमला
रायसी ने ईरान-भारत संबंधों के महत्व पर रोशनी डाली, लेकिन गाजा में इजरायल के जवाबी हमले के बारे में चिंता जताई और भारत से बमबारी को खत्म करने में मदद करने का आग्रह किया. वहीं ब्रिटेन की बड़ी तेल कंपनी शेल ने मंगलवार को लाल सागर के जरिये अपने सभी शिपमेंट को अनिश्चित काल के लिए रोकने की घोषणा की. अमेरिका और ब्रिटिश युद्धक विमानों, जहाजों और पनडुब्बियों ने पिछले हफ्ते लाल सागर में शिपिंग लेन पर हूतियों के हमले के जवाब में यमन में दर्जनों हवाई हमले किए.
.
Tags: EAM S Jaishankar, Hamas, Iran, Israel, S Jaishankar
FIRST PUBLISHED : January 17, 2024, 18:16 IST