सनातन सेवा सत्संग कानपुर के तत्वाधान में — तीर्थ नगरी अमरकंटक में गुप्त नवरात्रि पर धार्मिक अनुष्ठान

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अमरकंटक प्राचीन ऋषि मुनियों की तपोस्थली है- स्वामी लवलीन

कलयुग में मां नर्मदा ही भव तारिणी है – आचार्य रामकृष्णानंद

अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में सनातन सेवा सत्संग कानपुर के तत्वाधान में चतुर्थ गुप्त नवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान का भव्य एवं विशाल आयोजन संवत 2082 सिद्धार्थी आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा आर्दा नक्षत्र गुरुवार 26 जून 25 से शुक्रवार 4 जुलाई 25 चित्रा नक्षत्र दिन शुक्रवार तक नौ दिवसीय धार्मिक , आध्यात्मिक आयोजन बर्फानी आश्रम के राजराजेश्वरी के हाल में विभिन्न अंचलों से आए लगभग 50 से भी अधिक भक्त , श्रद्धालुओं के द्वारा पूरे भक्ति भाव के साथ विधि विधान एवं परंपरागत ढंग से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ।
आचार्य सुधीर भाई मिश्र और श्री राजेशानंद सरस रामकथा प्रवक्ता ने बताया कि सनातन सेवा सत्संग के द्वारा आयोजित धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम में दैविक दैविक भौतिक तापों के शमन के हेतु एवं आत्म जीवन कल्याणार्थ आयोजित नौ दिवसीय शिविर में वरिष्ठ पुरुषों एवं महिलाओं के भक्तिमय आयोजन में श्री राम कथा , श्रीमद् भागवत गीता पाठ , दुर्गा सप्तशती पाठ , चतुषश्लोकी भागवत पाठ एवं ज्ञान यज्ञ प्रवचन प्रकांड साधु संतों विद्वानों तथा आचार्य द्वारा कराया जा रहा है ।
सनातन सेवा सत्संग के द्वारा आगंतुक शिवरार्थियों द्वारा प्रत्येक दिवस योग , प्राणायाम , प्रातः संध्योपासन , प्रार्थना चतुश्लोकी भागवत व गीता पाठ , दुर्गा सप्तशती पाठ , श्री राम कथा , साधु संतों के प्रवचन , हवन , पूजन , अर्चन निरंतर किया जा रहा है । फल स्वरुप पवित्र नगरी अमरकंटक में आध्यात्मिक एवं धर्म मय वातावरण बना हुआ है । सनातन सेवा सत्संग के धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान शिविर में पधारे अलग अलग दिवसों पर अमरकंटक के अनेक संतो ने सनातन सेवा सत्संग मंच पर पहुंच कर अपने वक्तव्य या विचार प्रगट किए । परमहंस धारकुंडी आश्रम के संत स्वामी लवलीन महाराज ने कहा कि अमरकंटक प्राचीन ऋषि मुनियों की तपोंस्थली रही है । कामद कल्प तरु वन आश्रम के महंत अखिलेश्वर दास जी भी सत्संग में आए हुए थे । अगले दिवस मार्कंडेय आश्रम के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णानंद जी महाराज ने भी अपने उद्बोधन में विभिन्न विषयों पर सारगर्भित और ओजस्वी उद्बोधन उन्होंने दिया और यह भी बताया कि पतित पावनी मां नर्मदा जी का जीवन चरित्र का विस्तृत व्याख्यान कहते हुए शिवरात्रि का ज्ञानार्जित किया । इस अवसर पर महाराज श्री ने नर्मदा महात्म भी प्रतिपादित किया ।
सनातन सेवा सत्संग शिविर का आयोजन आचार्य सुधीर भाई मिश्र , संस्थापक एवं अध्यक्ष राजेश दीक्षित कक्का , उपसचिव संयोजक यमुना प्रसाद पांडे , सहसंयोजक केशव गुप्ता , उपाध्यक्ष पंडित अखिलेश शुक्ला , उपाध्यक्ष पंडित आरके दुबे सरस्वती धाम शहर कोषाध्यक्ष पंडित राजेंद्र अवस्थी के उल्लेखनीय एवं सद प्रयासों से उक्त अनुष्ठान एवं धार्मिक आयोजन हो रहा है । पंडित राजेशानंद जी सरस रामकथा प्रवक्ता द्वारा व्यास पीठ से सरस राम कथा की जा रही ह । सनातन सेवा सत्संग के साधना शिविर में जगदीश नारायण मिश्र , शेष नारायण त्रिवेदी , हरि स्वरूप शुक्ला , सुमन अवस्थी , राधा दीक्षित , राजेश त्रिपाठी , किरण त्रिपाठी , सुमन शुक्ला , उशॉ शर्मा , मुन्नी शर्मा , कवि मिश्रा , आरके दुबे , रानी दुबे , आशा त्रिपाठी , अभय शंकर दुबे , राजकुमारी देवी , अनिल त्रिवेदी , प्रभात त्रिवेदी , जीएस बाजपेई , रवि शंकर त्रिपाठी , सिद्ध श्री त्रिपाठी , राम नारायण अग्निहोत्री , दीपा अग्निहोत्री , नीरज मेहरोत्रा , रश्मि मेहरोत्रा , बी शुक्ला , सुमन शुक्ला , एसपी मिश्रा , गुरु प्यारी मिश्रा , घनश्याम दीक्षित , रमेश कुमार शुक्ला , शारदा प्रसाद पांडे , कृष्ण कुमार मिश्रा , कमलेश मिश्रा , आचार्य शशिकांत पांडे , किरण तिवारी , गंगा रामपाल , कृष्ण कुमार शुक्ला , श्रीनाथ गुप्ता , मनीष चंद्र कुलश्रेष्ठ , संगीता कुलश्रेष्ठ , सुभाष मिश्रा , आरती शुक्ला , सुरेश बाजपेई , महावीर प्रसाद गुप्ता , अतुल अवस्थी एवं पंडित कृष्ण कुमार मिश्रा आदि उपस्थिति एवं सनातन सेवा सत्संग में पधारे हुए हैं ।