खाद की किल्लत के बीच किसानों में चले लात-धूसे

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खाद लेने के लिए लाइन में लगे थे किसान, आपस में हुआ झगड़ा

– पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज किया

– शिवपुरी जिले में खाद का संकट, किसान वर्ग परेशान

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले में इस समय खाद के संकट से किसान परेशान हैं। इसी बीच शिवपुरी के लुधावली खाद वितरण सेंटर पर खाद लेने के लिए लाइन में लगे किसानों में आपस में झगड़ा हो गया और जहां पर दो पक्षों में आपस में जमकर लड़ाई हुई। किसानों के बीच यहां पर आपस में लाइन में लगने को लेकर विवाद हुआ इसके बाद दोनों पक्ष में मारपीट हो गई। इस मारपीट में जमकर लात-घूसे चले। इस लड़ाई झगड़े का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले में पुलिस ने खाद वितरण केंद्र पर लड़ने वाले दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज की है।

खाद वितरण केंद्र पर चले लात-घूसे-

बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर जो वीडिया वायरल हुआ है वह मंगलवार को बताया जा रहा है। शिवपुरी के लुधावली क्षेत्र के खाद गोदाम पर यहां पर खाद के लिए किसानों के बीच यह मारपीट हुई। बताया गया है कि यहां पर किसान खाद के लिए लाइन में लगे थे इसी बीच लाइन में आगे पीछे लगने को लेकर विवाद हुआ और बाद में यह विवाद मारपीट में तब्दील हो गया। बताया जा रहा है कि सिरसौद थाना क्षेत्र के कुश्यारा गांव का रहने वाला शिवम सिंह रावत अपने चाचा जयपाल रावत और शिवकुमार रावत के साथ लुधावली सरकारी खाद गोदाम पर खाद लेने पहुंचा था। शिवम रावत खाद के लिए पहले से लगी कतार में लगकर अपने नंबर का इन्तजार कर रहा था। तब बूढीबरोद गांव के उत्तम रावत, मजबूत रावत और धर्मवीर सिंह रावत लाइन में आगे जाकर लग गए थे। इस बात का जब शिवम ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में आपस में झगड़ा हो गया। इस मारपीट में उत्तम रावत, मजबूत रावत और धर्मवीर सिंह रावत ने शिवम रावत की पिटाई कर दी। इसके बाद शिवम के दोनों चाचा जयपाल रावत और शिवकुमार रावत मौके पर पहुंचे और शिवम को बचाया। इस मारपीट में शिवम मोबाइल भी गिर गया।

शिवपुरी जिले में खाद का संकट, किसान परेशान-

शिवपुरी जिले में इस समय खाद की कमी से किसान परेशान है। जिले में इस समय खरीफ की बोवनी का सीजन शुरू हो गया है और किसानों को डीएपी की आवश्यकता है लेकिन डीएपी खाद वितरण केंद्र पर नहीं है। जिन केंद्रों पर डीएपी का वितरण हो रहा है वहां पर लंबी-लंबी लाइन देखी जा रही हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डीएपी बाहर से आ नहीं रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान डीएपी के स्थान पर एनपीके का उपयोग करें। एनपीके में नाईट्रोजन, फास्फोरस, एवं पोटास तीनों पोषक तत्व होते है जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभदायक है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उपसंचालक ने बताया कि इस समय जिले में यूरिया 15382 मै.टन, एनपीके कॉपलेक्स 8757 मे.टन, एवं एसएसपी 15739 में. टन उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि कृषक डीएपी के स्थान पर एनपीके का उपयोग करें। डीएपी में नाईट्रोजन एवं फास्फोरस पोषक तत्व होते है जबकि एनपीके में नाईट्रोजन, फास्फोरस, एवं पोटास तीनों पोषक तत्व होते है जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभदायक है। कृषको से अनुरोध है कि अपनी खेती की मिट्टी का परीक्षण करायें एवं परीक्षण उपरांत जो तत्व की कमी परिलक्षित होती है उसी उर्वरक का उपयोग करें जिस तत्व की मिट्टी में अधिकता है उस उर्वरक का उपयोग न करें।

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