देपालपुर।संदीप सेन। देपालपुर से गौतमपुरा मार्ग आजकल यात्रियों के लिए किसी जाल से कम नहीं है। सड़क पर जगह-जगह पड़े गहरे गड्ढे दोपहिया वाहन चालकों की जान पर बन आए हैं। हालात इतने भयावह हैं कि रोज हादसे का खतरा मंडराता रहता है। शनिवार देर रात चंबल स्टेशन निवासी राहुल केलवा भी इसी लापरवाही का शिकार हो गए। घायल राहुल का इलाज गौतमपुरा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि एमपीआरडीसी की लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
रोज गुजरते हैं अधिकारी, लेकिन आंखें बंद
विडंबना यह है कि नायब तहसीलदार गौतमपुरा कुलदीप सिंह सहित कई शासकीय अधिकारी और कर्मचारी प्रतिदिन इसी रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन सड़क पर मौत बनकर बिछे गड्ढे किसी को दिखाई नहीं देते। प्रशासन की यह चुप्पी लोगों के गुस्से को और भड़का रही है।
फोर लाइन की घोषणा अधूरी
गौरतलब है कि देपालपुर से लेकर इंगोरिया तक फोर लाइन बनाने की मांग वर्षों से अधूरी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौतमपुरा में कॉलेज और देपालपुर से इंगोरिया तक फोर लाइन की सौगात देने की घोषणा की थी। लेकिन वादा तो दूर, आज स्थिति यह है कि सड़क की साधारण मरम्मत तक ठीक से नहीं हो पा रही। लोगों का कहना है कि जब घोषणा किए गए फोर लाइन का काम शुरू नहीं हो पाया, तो कम से कम वर्तमान सड़क को ही सुरक्षित बनाने पर ध्यान दिया जाए।
एसडीएम का आश्वासन
इस संबंध में एसडीएम देपालपुर राकेश मोहन त्रिपाठी ने कहा— “एमपीआरडीसी इंदौर के संभागीय प्रबंधक को अवगत भी करवाया जाएगा और हम पत्राचार भी करेंगे।”
लोगों का सवाल – आखिर कब जागेगा प्रशासन?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अब हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। सवाल यह है कि जब रोज अधिकारी इसी सड़क से गुजरते हैं, तब भी समस्या क्यों अनदेखी की जा रही है? लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि सड़क की तुरंत मरम्मत की जाए और वर्षों से अधूरी पड़ी फोर लाइन की योजना को भी प्राथमिकता से अमल में लाया जाए।
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