दीवारें भी न रोक सकीं रिश्तों की गर्माहट, बहनों ने बांधी राखी, भाइयों ने लिया सुधार का संकल्प
देपालपुर। संदीप सेन। रक्षाबंधन का पर्व प्रेम, विश्वास और अटूट रिश्तों की डोर का प्रतीक है। शनिवार को यह पावन अवसर सब जेल देपालपुर में भी अनोखे अंदाज में मनाया गया। यहां कैदियों की बहनें उनसे मिलने पहुंचीं और विधि-विधान से तिलक कर राखी बांधी। इस भावुक पल ने जेल परिसर को मानो घर के आंगन में बदल दिया।
सुबह से ही सब जेल परिसर में चहल-पहल रही। बहनों के चेहरे पर अपने भाइयों से मिलने की खुशी साफ झलक रही थी। राखी, मिठाई और स्नेह से भरे दिल के साथ वे जब जेल परिसर में दाखिल हुईं, तो माहौल भावनाओं से भर गया। भाइयों ने अपनी कलाई आगे बढ़ाते हुए बहनों को आशीर्वाद देने के साथ-साथ यह संकल्प भी लिया कि वे आगे चलकर समाज के हित में और अपने परिवार की खुशियों के लिए जीवन बिताएंगे।
इस विशेष अवसर पर सब जेल के उप अधीक्षक रामसाहय कुशवाह की निगरानी में सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहीं। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजनों से बंदियों में सकारात्मक सोच का संचार होता है और उन्हें जीवन में सुधार की प्रेरणा मिलती है।
त्योहार के दौरान जेल की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए। इसमें प्रमुख मुख्य प्रहरी रामेश्वर झणियां, निर्मला मोरी, एकता पटेल, आरती सोलिया, शिवानी श्रीवास्तव, संतोष देवलिया, नाना आरड, मनोज कुशवाह, भैरम सिंह धाकड़, रविंद्र सिंह सोलंकी, मुकेश गणावा और अंकित भरवासी की अहम भूमिका रही। इन सभी के समन्वित प्रयासों से कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान बहनों ने अपने भाइयों को मिठाई खिलाई और लंबे जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों की दुआ की। कुछ बंदी इस भावुक पल में अपने आंसू नहीं रोक सके।
रक्षाबंधन का यह आयोजन न केवल परंपरा और रिश्तों की मिठास को मजबूत करने वाला रहा, बल्कि इसने यह संदेश भी दिया कि दीवारें और ताले भी स्नेह की डोर को नहीं रोक सकते। भाई-बहन का यह पवित्र रिश्ता हर परिस्थिति में अमर और अटूट रहता है।