मंगलम योग केंद्र के 50 से अधिक प्रशिक्षित युवा इस समय देश और विदेश में भी अपनी सेवाएं दे रहे
– केंद्र से निकले पवन बघेल वियतनाम में पहरा रहे हैं योग का परचम
– आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विशेष
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। प्रदेश के शिवपुरी जिला मुख्यालय पर स्थित अशासकीय संस्था मंगलम योग को मैदानी स्तर पर जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए पिछले दो दशक से सक्रिय है। 1981 में स्थापित यह संस्था यूँ तो सेंट्रल इंडिया की पहली संस्था है जिसने दिव्यांगजन सशक्तिकरण और पुनर्वास के क्षेत्र में उस दौर में काम प्रारंभ किया था जब भारतीय शासन व्यवस्था में सामाजिक न्याय जैसी कोई व्यवस्थित इकाई थी ही नहीं।
स्व. माधवराव सिंधिया की पहल पर गठित हुई थी मंगलम-
तत्कालीन सांसद स्व. माधवराव सिंधिया और देश के टेलीकॉम सचिव रहे डी एस माथुर द्वारा गठित इस संस्था ने 2004 से एक योग केंद्र की शुरुआत की। स्कूली बच्चों के लिए आरंभ इस केंद्र पर अब तक करीब 5 हजार से अधिक बच्चों को योगासन में बताया जा चुका है। संख्या ही इस संस्था का वैशिष्टय नहीं है बल्कि योगासन में निपुण युवाओं को
योग से वियतनाम में मिला रोजगार-
रोजगार के माध्यम से भी सशक्त बनाया जा रहा है। मंगलम योग केंद्र के करीब 50 से अधिक प्रशिक्षित युवा इस समय देश के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के अलावा ओरछा, खजुराहो, जयपुर, जोधपुर जैसे शहरों के फाइव स्टार होटल्स में योगा ट्रेनर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा इस केंद्र से निकले पवन बघेल वियतनाम में एक विवि में कार्यरत हैं। पवन ने दो साल पहले वियतनाम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सरकारी कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। योग केंद्र को समुन्नत करने में सरकारी शिक्षक रघुवीर पाराशर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में यहां मनीष राठौर प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। बकौल मनीष मंगलम योग केंद्र के बावजूद देश भर उपस्थिति दर्ज की है।