शिवपुरी में है भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ जी का एक मात्र मंदिर, वह भी 100 साल से ज्यादा पुराना

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

शेषनाग के अवतार माने जाते हैं बलदाऊ जी

– शहर के पुराने इलाके पुरानी शिवपुरी में बलदाऊ जी का मंदिर मुस्लिम आक्रमणकर्ताओं से बचाने के लिए एक भवन में स्थापित किया गया तभी से लोगों की आस्था का केंद्र

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। पूरे देश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। इसी बीच भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ जी का मंदिर शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी नीलगर चौराहे के नजदीक स्थित है। यह मंदिर 100 साल पुराना है। इस मंदिर के बारे में कई रोचक बातें सामने आई हैं। नीलगाय चौराहे पर स्थित यह बलदाऊ जी का मंदिर एक मकान के अंदर स्थित है। स्थानीय लोगों द्वारा इस मंदिर को 100 साल से भी ज्यादा का बताया जाता है। बलदाऊ जी भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई थे। वह शेषनाग का अवतार माने जाते हैं और उन्हें हलधर भी कहा जाता था क्योंकि वह इस हल को अपने साथ ही रख रखते थे।

चार पीढ़ियां से जारी है मंदिर की पूजा-

शिवपुरी में जो बलदाऊ जी का मंदिर है वह काफी प्राचीन है। इस मंदिर में पूजा अर्चना का काम करने वाले बंटी पुजारी का कहना है कि उनके परिवार की चार पीढ़ियों से यहां पर पूजा अर्चना का किया जा रहा है। उनके दादा, परदादा व पिता सहित अन्य परिजन यहां पर कई वर्षों से पूजा का काम कर चुके हैं।

मकान के अंदर है बलदाऊ जी की प्राचीन –

बंटी पुजारी ने बताया कि बलदाऊ जी का मंदिर करीब 100 साल से ज्यादा पुराना है क्योंकि उनकी चार पीढ़ी अभी तक यहां पुजारी गिरी का काम कर चुकी हैं। स्थानीय धर्म प्रेेमी बंधु बताते हैं कि जब मुस्लिम शासकों ने वर्षों पहले आक्रमण किया तो उस दौरान कई मंदिरों को क्षति पहुंचाई गई। इस आक्रमण से बचने के लिए बलदाऊ जी के मंदिर को एक मकान के अंदर स्थापित किया गया और तब से ही इस मकान के अंदर बलदाऊ जी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है ।

शिवपुरी का एकमात्र बलदाऊ जी का मंदिर –

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे और धार्मिक क्रियाकलापों में आगे रहने वाले शिवपुरी के धर्म प्रेमी बंधु मनीष शिवहरे का कहना है कि बलदाऊ जी को बलराम जी के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई थे। मनीष शिवहरे बताते हैं कि शिवपुरी में जो बलदाऊ जी का मंदिर पुरानी शिवपुरी में नीलगल चौराहे पर स्थित है वह शिवपुरी का एकमात्र बलदाऊ जी का मंदिर है। इस मंदिर से लोगों की बड़ी आस्था जुड़ी है। यहां की मूर्ति काफी आकर्षक का केंद्र है और यह मंदिर 100 से 150 साल पुराना है। जहां पर पूजा अर्चना के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

बलराम जयंती पर हुए कई धार्मिक कार्यक्रम –

इस मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन पहले बलराम जयंती धार्मिक भक्ति भाव और उल्लास के साथ मनाई गई। बलदाऊ जी के मंदिर पर छप्पन भोग लगा और फूलों से आकर्षक ढंग से इस मंदिर को सजाया गया। यहां भंडारा प्रसाद जी का वितरण भी हुआ। अब शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। इस दौरान बलदाऊ जी के मंदिर पर भी लोग भक्ति भाव से जुट रहे हैं।

बलराम जी के बारे में जानिए कुछ रोचक बातें-

वैसे बलराम जी के बारे में कुछ रोचक बातें हैं उनका जन्मदिन देवकी के गर्भ से हुआ था लेकिन कंस के डर से उन्हें रोहणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया था जिसके कारण उनका एक नाम संकर्षण भी पड़ा। पुराणों में भगवान बलराम जी को शेषनाग का अवतार माना जाता है जो भगवान विष्णु के साथ धरती पर आते हैं।