जागरूक लोगों ने लाखों की कीमत का तेंदूपत्ता चोरी होने से बचाया

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घंटो बाद पहुंचा वन विभाग का अमला,

रेलवे स्टेशन जप्त किया 40 बोरा तेंदूपत्ता
अनूपपुर। अनूपपुर जिले में पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष की सागर संभाग के विभिन्न जिलों के ग्रामीण बड़े-बड़े ठेकेदारों के कहने पर शहडोल वन वृत के ग्रामीण अंचलों से लगे वन क्षेत्र में अवैधानिक रूप से सैकड़ो की संख्या में पहुंचकर तेंदूपत्ता का संग्रहण कर ट्रेनों के माध्यम से ले जाते हैं इस वर्ष भी जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण एवं खरीदी का काम चल रहा है इसी बीच विगत दिनों सैकड़ो की संख्या में सागर संभाग के मजदूर जो बड़े-बड़े ठेकेदारों के इशारों पर अनूपपुर जिले में आकर चोरी छुपे तौर पर तेंदूपत्ता को तोड़कर बड़े-बड़े बोरे में भरकर ट्रेनों के माध्यम से अपने यहां ले जाते हैं जिसकी जानकारी वन विभाग के रेंज से लेकर बीटगार्ड,चौकीदारो तक को नहीं है वन विभाग में वन क्षेत्रों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में मुखविर तंत्र की कमजोरी के कारण बाहरी लोग जिले की वन संपदा का खुलेआम दोहन कर ले जा रहे हैं ऐसा ही एक मामला शनिवार की रात अनूपपुर रेलवे स्टेशन की प्लेटफार्म क्रमांक 3 एवं 4 में एक जागरूक नागरिक जो अपने रिश्तेदारों को ट्रेन में छोड़ने गए हुए थे के द्वारा बड़े पैमाने पर बोरो मे रखें एवं स्टेशन में सूखने के लिए फैलाए तेंदूपत्ता को जिसने 30 से 40 महिला-पुरुष रहे हैं को देखकर जानकारी वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को देते हुए शीघ्र ही कार्यवाही किए जाने का आग्रह किए जाने के पर दिए गए निर्देश के बाद भी घंटो तक वन विभाग का अमला मौके पर नहीं पहुंचा निरंतर सूचना पर ट्रेन आने के कुछ समय पहले अनूपपुर का वन अमला रेलवे स्टेशन पहुंचकर लगभग 40 बोरा तेंदूपत्ता जप्त करने की कार्यवाही की।
जानकारी के अनुसार इस साल तेंदूपत्ता तेंदूपत्ता₹400 सैकड़ो की रेट पर बेचा जा रहा है वही जो गड्डी बनाई जाती है उसमें लगभग 50 पत्ते रखे जाते हैं ऐसे में जिस तादाद में बीती रात तेंदू पत्ता पकड़ा है उसे अंदाजा लगा सकता है कि तेंदूपत्ता की कीमत लाखों रुपए में है इसे वन विभाग की भाषा में हरा सोना भी कहा जाता है जो काफी कीमती माना जाता है।
प्रत्येक वर्ष बाहर से आकर बड़े-बड़े ठेकेदारों के इशारे पर मजदूर लोग जिले में तेंदूपत्ता का अवैधानिक तौर पर संग्रहण कर खुलेआम ट्रेनों के माध्यम से ले जाते की सूचनाओं प्रत्येक वर्ष तेदूपत्ता संग्रहण कार्य बंद होने के बाद से मिलने पर पूर्व में भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई रही किंतु ठोस एवं कठोर कार्रवाही न होने से बाहर से आए मजदूर मनमानी करते रहते हैं। वन विभाग को चाहिए कि वन क्षेत्र से घिरे ग्रामीण अंचलों में सगन निगरानी रखी जाए। मगर ऐसा होता मगर ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ रहा है।

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