देपालपुर। संदीप सेन। कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और आपसी तकरार किस हद तक बढ़ चुकी है, इसका ताज़ा उदाहरण सोमवार को देपालपुर में देखने को मिला। राष्ट्रीय कांग्रेस सचिव एवं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल के भाई राधेश्याम पटेल द्वारा आयोजित “सद्भावना कार्यकर्ता सम्मेलन” में सद्भावना तो दूर, दुर्भावना का माहौल बन गया। मंच से राधेश्याम पटेल ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर जिस तरह से तीखे हमले बोले, उसने पूरे संगठन में खलबली मचा दी है। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य कार्यकर्ताओं को एकजुट करना था, लेकिन वहां कांग्रेस की फूट और नेताओं के खिलाफ कड़वाहट खुलकर सामने आ गई। राधेश्याम पटेल ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला अध्यक्ष विपिन वानखेड़े और देपालपुर विधानसभा प्रभारी मोती सिंह पटेल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने हरीश चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि – “वे मुझे लॉलीपॉप देकर बहला रहे हैं। कहते हैं कि तुम्हें देपालपुर का विधानसभा प्रभारी बना दूंगा और तुम्हारी पसंद के हिसाब से नियुक्तियां करा दूंगा।” इतना ही नहीं, उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को कांग्रेस के लिए “श्राप” बताया और उन पर राहुल गांधी को “सजन अभियान” के तहत गुमराह करने और धोखा देने तक का आरोप लगा दिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े को भी नहीं बख्शा। राधेश्याम पटेल ने कहा – “वानखेड़े मुझे दिन में दो-तीन बार फोन करता है और संगठन को मेरे हिसाब से चलाने की बातें करता है। मैंने अपने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि नवंबर तक सब्र रखो, उसके बाद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व परिवर्तन करेगा।” सबसे विवादास्पद टिप्पणी विधानसभा प्रभारी मोती सिंह पटेल पर की गई। राधेश्याम पटेल ने उन्हें “कंस मामा” तक कह डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि – “एक पारिवारिक कार्यक्रम में विपिन वानखेड़े को बतौर अतिथि बुलाने के पीछे मोती सिंह पटेल का हाथ था। मैंने जब अपने रिश्तेदारों से पूछा कि इसको किसने बुलाया है तो पता चला कि मोती सिंह पटेल ही जिम्मेदार हैं।” राधेश्याम पटेल यहीं नहीं रुके। उन्होंने यहां तक कह दिया कि – “कांग्रेस ने हमारे परिवार को बुरे वक्त में टिकट देकर लोकसभा टिकट दिया था। अब समय हमारा है, जब चाहेंगे टिकट छीनकर ले आएंगे।”
वीडियो ने मचाई खलबली
इस पूरे कार्यक्रम का वीडियो अब कांग्रेस के दूसरे गुट ने शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा दिया है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह सद्भावना सम्मेलन एक “दुर्भावना सभा” में तब्दील हो गया। कार्यकर्ताओं को जोड़ने के बजाय, नेताओं के खिलाफ भड़काऊ बातें और कटाक्ष सामने आए।
कांग्रेस में भूचाल
कार्यक्रम के बाद से ही देपालपुर सहित पूरे जिले की कांग्रेस इकाई में भूचाल की स्थिति है। कांग्रेस नेता का भाई ही जब इस तरह खुले मंच से शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर रहा है, तो कार्यकर्ताओं में भ्रम और असमंजस और गहरा हो गया है। यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के भीतर गुटबाजी अपने चरम पर है और “सद्भावना सम्मेलन” की आड़ में पार्टी की अंदरूनी कलह और कड़वाहट खुलकर बाहर आ गई है।