– किसानों को खेतों के लिए चाहिए खाद लेकिन केंद्रों पर खाद के लिए लंबा इंतजार
– खनियांधाना सहकारी सोसायटी की मनमानी से खाद संकट गहराया
– अन्नदाता परेशान, तहसीलदार ने संभाला मोर्चा
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी जिले में इस समय रबी सीजन की बोवनी का काम तेज हो गया है। इसी बीच किसानों को खाद नहीं मिल रही है। जिले में खनियांधाना सहित अन्य तहसीलों में हालत यह है कि खाद वितरण केंद्रों पर खाद लेने के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। किसान वर्ग अलसुबह से ही खाद लेने के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। महिलाएं भी खाद के लिए परेशान देखी जा रही हैं। वितरण केंद्रों पर खाद कम है और लेने वाले किसान ज्यादा हैं।
खनियांधाना में दिखी हजारों किसानों की भीड़-
जिले के सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया सोसायटी मर्यादा खनियांधाना केंद्र पर खाद वितरण में व्याप्त भारी अव्यवस्था और कथित मनमानी के कारण क्षेत्र के हजारों किसानों को घोर संकट का सामना करना पड़ा। त्यौहारों की समाप्ति के तुरंत बाद अपनी रबी की फसलों के लिए खाद लेने पहुँचे किसानों की केंद्र पर इतनी विशाल भीड़ जमा हो गई कि प्रशासन को मोर्चा संभालना पड़ा।
सुबह 5 बजे से लाइन में लग रहा किसान-
किसानों ने बताया कि खाद की किल्लत और वितरण में होने वाली देरी को देखते हुए वे अपने घरों से तड़के सुबह 5 बजे से ही सोसायटी केंद्र पर लाइन में आकर बैठ गए थे। घंटों के इंतजार के बावजूद जब वितरण शुरू नहीं हुआ तो भीड़ में असंतोष फैलना शुरू हो गया। केंद्र पर लगी इस लंबी कतार में केवल पुरुष किसान ही नहीं थे, बल्कि बड़ी संख्या में महिलाएँ, बालिकाएँ और छोटे बच्चों के साथ पहुँचे किसान भी शामिल थे, जो अपनी बारी के इंतजार में भूखे-प्यासे खड़े थे। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद वितरण करने वाले कर्मचारियों की मनमानी और लेटलतीफी के कारण ही उन्हें यह दुर्दशा झेलनी पड़ रही है।
तहसीलदार को खुद संभालना पड़ा मोर्चा –
हालात उस समय और ज्यादा बिगड़ गए जब किसानों का धैर्य टूटने लगा और केंद्र पर भारी शोरगुल और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। भीड़ को बेकाबू होते देख तत्काल मौके पर पुलिस बल, राजस्व निरीक्षक, पटवारी और तहसीलदार निशिकांत जैन पहुँचे।
प्रशासनिक अधिकारी के रूप में तहसीलदार निशिकांत जैन ने स्वयं किसानों की भीड़ के बीच पहुँचकर स्थिति को संभाला। काफी मशक्कत और समझाइश के बाद अधिकारी भीड़ को नियंत्रित करने में सफल रहे और किसानों को कतारबद्ध कर कूपन वितरित किए गए। तहसीलदार निशिकांत जैन ने बताया कि क्षेत्र में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार तक 1665 बोरी खाद का वितरण किया गया है, और रात तक 1100 बोरी खाद और पहुंच जाएगी।
केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं-
खाद के लिए परेशान किसानों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सुबह से लाइन में लगे होने के बावजूद सोसायटी या स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके लिए पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें घंटों तक भूखे-प्यासे धूप में खड़े रहना पड़ता है, जिससे उनकी परेशानी कई गुना बढ़ जाती है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी किसानों ने सवाल उठाए। उनका कहना था कि मौके पर पुलिस बल तो मौजूद था, लेकिन खाद लेने आई बड़ी संख्या में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कोई भी महिला पुलिसकर्मी या महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी।








