लीला रेसीडेंसी के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर

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कॉलोनाइजर की लापरवाही और प्रशासन की चुप्पी से परेशान लोग

देपालपुर।  संदीप सेन। नगर के वार्ड नंबर 07, इंदौर रोड स्थित लीला रेसीडेंसी कॉलोनी के रहवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से बसी इस कॉलोनी में जलभराव, गंदगी और मच्छरों का आतंक आम बात हो चुकी है।

कॉलोनाइजर द्वारा बेचे गए प्लॉटों में रहने वाले परिवारों का कहना है कि उनके घरों के आसपास गड्ढों में पानी जमा रहता है, बदबू और मच्छरों के कारण बच्चों और बुजुर्गों की सेहत दांव पर लगी है। बावजूद इसके कॉलोनाइजर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बजाय आंखें मूंदे बैठा है।

नगर परिषद देपालपुर के अधिकारी भी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि कॉलोनी अभी उनके हैंडओवर नहीं हुई है। यानी साफ-सफाई से लेकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने तक की जिम्मेदारी पूरी तरह कॉलोनाइजर पर है। रहवासियों जितेन्द्र सोलंकी, आशीष पांचाल और गोलू वर्मा बताते हैं कि कॉलोनी के बीचोंबीच बनाए गए बगीचे को भी आज तक विकसित नहीं किया गया।

करीब डेढ़ साल पहले रहवासी संघ अध्यक्ष गणेश सोलंकी के नेतृत्व में कलेक्टर की जनसुनवाई और कॉलोनी सेल में शिकायत की गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। रहवासियों का आरोप है कि कॉलोनाइजर के दबाव और प्रभाव के चलते जिम्मेदार अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

रहवासियों का कहना है कि वे टैक्स भर रहे हैं, मकान की किस्त चुका रहे हैं, लेकिन रहने की सुविधाएं नहीं मिल रहीं। लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और यदि शीघ्र ही सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है।