देपालपुर अस्पताल में भी चूहों की मौजूदगी ने बढ़ाई चिंता
देपालपुर। संदीप सेन। एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में दो नवजात शिशुओं की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। परिजनों ने आरोप लगाया था कि शिशुओं की मौत चूहों के काटने से हुई। इस सनसनीखेज घटना के बाद अब देपालपुर के सरकारी अस्पताल की स्थिति भी चिंता का विषय बन गई है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि नगर परिषद की ओर से दवाइयों का छिड़काव कराया गया था, लेकिन इसके बावजूद स्टाफ रूम और अन्य वार्डों में चूहों की आवाजाही बनी हुई है। सबसे गंभीर स्थिति यह है कि स्टाफ रूम के ठीक पास प्रसूति वार्ड है, जहां प्रसूति महिलाओं के साथ नवजात शिशु भी भर्ती रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा बना हुआ है। अस्पताल में चूहों की मौजूदगी ने इंदौर एमवायएच की घटना को देखते हुए स्थानीय स्तर पर अलर्ट बढ़ा दिया है। नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों की मांग है कि देपालपुर एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी और मुख्य ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. वंदना केसरी तत्काल संज्ञान लें और ठोस कदम उठाएं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि इंदौर हाईकोर्ट ने एमवायएच में नवजात शिशुओं की मौत की गंभीरता को देखते हुए सरकार को फटकार लगाई है और 15 सितंबर तक गठित जांच समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चूहों जैसे बुनियादी खतरे को क्यों अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते रोकथाम नहीं की गई तो देपालपुर में भी किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल लोग प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई की राह देख रहे हैं।