अमरकंटक स्थित दूधधारा में बाबा नरेन्द्रगिरी ने कब्जा कर स्नान पर लगाया था रोक

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बीजेपी जिला अध्यक्ष ने स्नान पश्चात चालू कराया लगा बेरीकेट हटा,वन विभाग ने बाबा को थमाया नोटिस

अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , पवित्र नगरी अमरकंटक से लगभग 6-7 km दूर स्थित दूधधारा स्थल पर बाबा नरेंद्रगिरी ने नर्मदा तट पर कब्जा कर लंबे समय से धूनी रमाये बैठे है । जो भी पर्यटक , श्रद्धालु दूधधारा घूमने जाते और स्नान करना चाहते तो बाबा उन्हें स्नान करने से मना करते । इससे लोगों में काफी समय से नाराजगी चली आ रही थी । लोगों का कहना है कि मां नर्मदा में स्नान का बहुत बड़ा महत्व है , लोग आस पास के अलावा अनेक प्रदेश और देश से अमरकंटक पहुंच कर तपोस्थली ऋषि दुर्वासा जी की पवित्र स्थल पर दर्शनार्थी , पर्यटकों आदि को स्नान करने का मन करता है , पर बाबा नरेंद्रगिरी जी क्षेत्र और गुफा में अपना कब्जा लंबे समय से बनाए बैठे है जो उस स्थान पर अपना आधिपत्य दिखाकर स्नान आदि से मना किया करते आ रहे है ।
कपिलधारा के नीचे 01 km आगे दूध धारा जलप्रपात है जिसका खुलासा अनूपपुर जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम और अन्य साथी कार्यकर्ताओं के स्नान करने और बाबा के रोकने पर बात उठी ।
एक संत के द्वारा यहां पर कई साल से दूधधारा पास अपना कब्जा किया हुआ है । संत के द्वारा साफ शब्दों में यह लिखा दिया गया था कि यहां पर स्नान करना वर्जित है महंत नरेंद्र गिरी । ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालु स्नान नहीं कर पा रहे थे । यह मामला तब और बढ़ गया जब बीजेपी जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम 21 जून शनिवार को सुबह नर्मदा स्नान के लिए दूधधारा में पहुंचे और नर्मदा में स्नान करने लगे तो बाबा के द्वारा स्नान के लिए मना किया गया और उपस्थित लोगों से बाद विवाद करने लगा और अड़ भी गया कि स्नान नहीं होने देंगे । इसी बीच बीजेपी जिला अध्यक्ष ने साथियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर जगह पर उपस्थित होने की बात कही गई । तब प्रशासन हरकत में आया और घटनास्थल पर अमरकंटक के नायब तहसीलदार कौशलेंद्र मिश्रा , अमरकंटक पटवारी अश्वनी तिवारी , नगर परिषद के अधिकारी , कर्मचारी और नगरवासी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे l सभी की उपस्थिति में वन विभाग के द्वारा बाबा नरेंद्र गिरी को नोटिस दिया गया जिसमें कब्जा हटाने के संबद्ध में दर्शाया गया था । नोटिस में एक सप्ताह का समय दिया गया है । इसी बीच मामले को बढ़ता देख बाबा नरेंद्र गिरी ने मौके से ऱफ़ु चक्कर हो लिए । वहीं स्थानीय लोगों ने सारे बैरिकेट्स को मिलकर तोड़ दिया और फिर नदी में स्नान करने लगे । दूधधारा में स्नान एक बार फिर से शुरू हो गया है । इस बात को लेकर लोगों और पर्यटकों में खुशी की लहर दौंड उठी । स्थानीय लोगों की माने तो कहना है कि बाबा नरेन्द्रगिरी आये दिन श्रद्धालुओं को स्नान के लिए मना करता था और विवाद का कारण बनता था । वहीं आपको बता दें कुछ महीने पहले मंहत बाबा नरेंद्रगिरी गढ़ीदादर में खड़ेश्वरी बाबा जी के हत्या के आरोप में पकड़े गए थे और वो जेल भी जा चुके है ।
1 – भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम कहते है कि दूधधारा हमने बचपन से देखा है , सब जगह स्नान होता आ रहा है । यह फॉरेस्ट की जगह है यहां अतिक्रमण करना दुर्भाग्य की बात है । बेरीकेट्स हटवाकर स्नान शुरू करा दिया गया है ।
2 – अमरकंटक मंडल अध्यक्ष रोशन पनारिया ने कहा कि अमरकंटक में सभी योगा कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए हुए थे जो दूधधारा में स्नान करना चाहते थे आने पर बाबा ने विवाद शुरू किया तब प्रशासन को अवगत करा कर अतिक्रमण हटाया गया ।
3 – रेंजर अमरकंटक व्ही के श्रीवास्तव ने बताया कि बाबा को पिछले वर्ष ही जगह खाली करने को कहा गया था नोटिस भी दिया गया था , प्रकरण भी बना है लेकिन उन्होंने खाली नहीं किया । आज पुनः अतिक्रमण स्थल संबंधित नोटिस देने आते पर वे भाग गए तो उनके उत्तराधिकारी को दे दिया गया है ।