



गोबरी,पगना से जैतहरी नगर होकर कुसुमहाई के जंगल पहुँचे
आठ दिनों से अनूपपुर,जैतहरी इलाके में विचरण कर पहुंचा रहे नुकसान
अनूपपुर। एक बार फिर जंगली हाथियों की धमक अनूपपुर जिले के जैतहारी जनपद स्थित ग्रामों में देखने को मिली है जहां पर चार हाथियों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है यह जंगली हाथी रात के अंधेरे में घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिसके चलते ग्रामीणों का जीना मुहाल हो चला है वन विभाग इन हाथियों के रेस्क्यू करने की जगह लोगों को इन जंगली हाथियों से सतर्क रहने की सलाह दे रहा है आखिर क्या कारण है कि बार-बार इस रास्ते पर जंगली हाथी आ रहे हैं लेकिन वन विभाग इन हाथियों को रेस्क्यू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रहा है।
चार हाथियों का समूह विगत 8 दिनों से अनूपपुर जिले के जैतहरी एवं अनूपपुर इलाके में विचरण करते हुए शनिवार एवं रविवार की रात गोबरी,पगना से जैतहरी नगर होकर कुसुमहाई के जंगल में एक बार फिर पहुंच कर विश्राम कर रहे हैं,हाथियों के निरंतर विचरण के कारण ग्रामीण परेशान है। वनविभाग का मैदानी अमला हाथियों के विचरण पर नजर रखते बनाए हुए है। वन विभाग आम जनों को सतर्क एवं सचेत रहने की अपील की है।
चार हाथियों को समूह 25 मई की रात छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से अनूपपुर जिले के जैतहरी इलाके में एक बार फिर से प्रवेश कर विगत 8 दिनों से निरंतर जैतहरी एवं अनूपपुर के वन परिक्षेत्र,तहसील एवं थाना क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं जो दिन के समय जंगलों में ठहरकर देर शाम एवं रात होने पर ग्रामीण अंचलों में प्रवेश कर किसानों के खेतों,बांडियो में लगी फसलों को अपना आहार बनाया है शनिवार की सुबह चारों हाथी अनूपपुर वन परिक्षेत्र के दुधमनिया बीट अंतर्गत शक्तिकुंडी के जंगल से बड़वार नाला पार कर सुबह होने पर वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी के वन बीट एवं ग्राम पंचायत गोबरी के ठाकुरबाबा के पास स्थित जंगल में ठहरने बाद शाम को ठाकुरबाबा के पास सुखीलाल राठौर की बांड़ी में आने पर ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर फिर से जंगल जाकर ठेंगरहा से पगना गांव में जल्दाटोला में नरेश सिंह के खेत में लगी गर्मी वाले धान को खाते हुए तिपान नदी के समीप स्थित बेलिया गांव में बहादुर पिता मोहनलाल कोल के घर की बाउंड्री वॉल को तोड़ते हुए रेलवे लाईन के किनारे किनारे नगर परिषद जैतहरी में बीच शहर से गुजरते हुए रेलवे लाईन एवं अनूपपुर-जैतहरी-वेंकटनगर मुख्य मार्ग को पार कर मुर्रा गांव से टकहुली के भर्राटोला होते हुए रविवार की सुबह धनगवां बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत क्योटार के कुशुमहाई गांव से लगे जंगल में एक वार फिर से पहुंचकर ठहरे हुए हैं,हाथियों के निरंतर विचरण से हाथियों के द्वारा किए जा रहे नुकसान के कारण ग्रामीण जन परेशान है जो हाथियों के गांव में पहुंचने की स्थिति में रात-रात भर जाग कर अपनी एवं अपने परिवार के साथ अपनी सम्पत्ति की सुरक्षा कर रहे हैं वही वनविभाग का गस्ती दल हाथियों के विचरण पर निरंतर नजर रखते हुए हाथियों एवं ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए निगरानी कर रहा है रविवार की रात चारों हाथी किस ओर विचरण करेंगे यह रात होने पर ही पता चल सकेगा।