



17 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन
अनुपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किए गए घोटाले, भ्रष्टाचार, संज्ञेय अपराध, मध्य प्रदेश एवं स्थानीय जनजातीय समुदाय के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के संबंध में कार्यवाही हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों एवं जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के मय हस्ताक्षर ज्ञापन जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, एसडीओपी सहित प्रतिलिपि महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा सचिव विनीत जोशी तथा कुलपति को सौपा गया है। विवि में राष्ट्र विरोधी ताकतों का बोलबाला हो गया है हाल ही के गेस्ट फैकल्टी की भर्ती में यह उजागर भी हुआ है। ज्ञापन में चेतावनी दिया गया है की यदि 7 दिनों के भीतर मांगों की पूर्ति नहीं हुई तो विवि प्रशासन का गेट बंद कर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन आंदोलन किया जायेगा। ज्ञापन सौपने वालों में प्रमुख रूप से अर्जुन सिंह चंद्रभान सिंह विशाल ताम्रकार पप्पू सिंह मसराम रूबला बाई सत्यनारायण सिंह चैन सिंह लालता सिंह सुमेध सिंघ शिव रतन सिंह गजानन सिंह देव सिंह आयुष राय मोहन बंजारा रामजी बंजारा दुर्गेश धुर्वे जमुना दास सुमन टांडिया अवधराज सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे
प्रतिनिधिमंडल ने बताया की पिछले 10 वर्षों से विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, घोटाले, छात्राओं के साथ छेड़खानी, बलात्कार एवं स्थानीय युवाओं तथा जनजातीय समुदाय के साथ षड्यंत्र कर उन्हें अपमानित करने की घटनाएं हो रही हैं। इन अपराधों की गंभीरता इस हद तक बढ़ चुकी है कि अब इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। फर्जी कार्य परिषद से विवि का संचालन किया जा रहा है कार्य परिषद में स्थानीय और जनजातीय समाज के प्रतिनिधित्व की घोर उपेक्षा की गई है। राष्ट्र विरोधी तथा “अवार्ड वापसी गैंग” के सदस्य को कार्य परिषद में नियुक्त किया जाना अमरकंटक का अपमान है, कार्य परिषद को तत्काल भंग कर मध्य प्रदेश एवं जनजातीय समुदाय का न्यूनतम 50% प्रतिनिधित्व के साथ निष्पक्ष पुनर्गठन नहीं किया जाता है तब आंदोलन किया जायेगा।
वर्तमान कुलपति चयन समिति भंग कर मप्र को समझने वालों को चयन समिति में रखना जरुरी
वर्तमान कुलपति चयन समिति में प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल एवं प्रो. एन.सी. गौतम के नामों को भेजने के लिए हुए बड़े षड्यंत्र की निष्पक्ष जांच कर इन दोनों को कुलपति चयन समिति से हटाया जाए तथा कुलपति चयन की भ्रष्ट प्रक्रिया को रोका जाये तथा अभी तक की कार्यवाही को निरस्त किया जाये । प्रो. एन.सी. गौतम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्कालीन राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आंबेकर एवं श्री वी डी शर्मा द्वारा “भ्रष्ट कुलपतियों” की सूची में नामित किया गया था, जो आर्गेनाइजर पत्रिका में छपा है। ऐसे में इस विश्वविद्यालय के कुलपति चयन प्रक्रिया में शामिल भ्रष्ट व्यक्ति से पूरा अमरकंटक कलंकित हुआ हैं। शिक्षा सचिव विनीत जोशी इस मामले में 72 घंटे के भीतर संज्ञान नहीं लेते है तो आन्दोलन निश्चित होगा।
क्षेत्रवाद, जातिवाद तथा 30-40 लाख घुसखोरी करके की गई भ्रष्ट नियुक्तियों को तत्काल निरस्त कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग*
भ्रष्टाचार एवं जातिगत पक्षपात से ग्रसित तीन वर्षों में शैक्षणिक पदों पर की गई समस्त नियुक्तियों, अवैध प्रमोशन को निरस्त किया जाए तथा निष्पक्ष जांच समिति बनाई जाये। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के विरुद्ध अमरकंटक थाना तथा एसडीओपी पुष्पराजगढ़ में लंबित शिकायतों में प्राथमिकी दर्ज की जाए। विवि प्रशासन अधिकारियों को रिश्वत देकर जांच को प्रभावित करने के मामले की उच्चस्तरीय जांच हो। विवि प्रशासन राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव का दुरुपयोग कर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित कर रहा है, न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप रोका लगाते हुए इस षड्यंत्र को उजागर कर सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायधीश को सूचित किया जाए।
विवि को छात्र सेंट्रिक बनाया जाए साथ ही अवैध कब्जाधारी प्रोफेसरों से हॉस्टल खाली कराया जाये
विवि के शिक्षक जातिवाद, क्षेत्रवाद के साथ साथ घोटाला करने एवं कमीशनखोरी में व्यस्त है, पढाई-लिखाई छोड़कर बाकी सभी कार्य विवि में होते है, यहाँ तक की छात्र-छात्राओं के लिए बने हुए हॉस्टल को विवि के प्रोफेसर कब्ज़ा कर लिए है जबकि उन्हें 3-4 लाख की सैलरी मिल रही है तथा गरीब छात्र के कैरियर हॉस्टल के बिना बर्बाद हो रहा है, छात्रावासों में अवैध रूप से रह रहे प्रोफेसरों को तत्काल बाहर नहीं निकाला गया तो आंदोलन होगा। स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता के साथ विवि की परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं की भर्ती को अनिवार्य किया जाए।
जनजतीय हित के लिए पेसा एक्ट के करोड़ो रुपयों की लुट पर रोक लगे
घोर राष्ट्र विरोधी एवं कम्युनिस्ट समर्थक घोटालेबाज रिटायर्ड शिक्षक प्रसन्ना कुमार सामल को भगवान बिरसा मुंडा चेयर में गैरकानूनी ढंग से प्रोफेसर बनाया गया है, प्रो सामल ने बिरसा मुंडा चेयर में घोटाला करके जनजातीय समाज के गौरव को गर्त में मिला दिया है अब प्रो सामल के साथ मिलकर पेसा एक्ट के करोड़ों रुपए का गबन करने की तैयारी विवि प्रशासन कर चूका हैं। प्रो सामल की शिकायत जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राष्ट्रपति से की जाएगी। प्रो सामल जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रोजेक्ट में कट्टीमनी तथा प्रकाशमणि के समय से घोटाला करते आ रहा है और आज भी घोटाला कर रहा है, यदि सामल को बिरसा मुंडा चेयर तथा पेसा एक्ट प्रोजेक्ट से बाहर नहीं किया गया तो आंदोलन जारी रहेगा।
*भूत प्रेत तथा कल्पनिक व्यक्ति को दिए गए सैलरी की जांच कर बिग्स कंपनी एवं दोषी अधिकारीयों कर एफआईआर दर्ज हो*
विवि प्रशासन द्वारा पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा कर्मियों तथा सफाई कर्मियों की ठेका में करोड़ों रुपए का गबन किया गया है, फर्जी टेंडर बिग्स कंपनी को दिया गया, जिसने ऐसे लोगों को सुरक्षा प्रहरी तथा सफाई कर्मी बना दिया है जिनका दुनिया में अस्तित्व नहीं है, जो वास्तव में खोजने से नहीं मिल रहे हैं, भूत-प्रेत काल्पनिक व्यक्तियों को लगातार भुगतान दिया जा रहा है और करोड़ों रुपए का गबन विश्वविद्यालय ने किया है. सफाई के नाम पर करोड़ों की बिल में फर्जीवाडा किया गया है, इस मामले में विश्वविद्यालय के 10-15 अधिकारी जेल जा सकते हैं, मामलों को विवि प्रशासन दबा कर रखा है मामले में यदि एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो आंदोलन जारी रहेगा।
सीपीडब्लूडी, एमटीडीसी, युपीएनएल के एमओयु की उच्च स्तरीय जांच जरुरी
₹100 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों में अनियमितता तथा श्रीजी कंपनी द्वारा की गई तीन गुना दर पर फर्जी निर्माण की जाँच की जाए। श्रीजी कंपनी को रुपये 100 करोड़ से अधिक के गुणवत्ताविहीन कार्यों की जाँच कई करोड़ का कमीशनखोरी तथा मणिपुर जनजातीय विकास निगम लिमिटेड को बिना काम के 100 करोड़ का MOU करने हिमाचल प्रदेश के संदीपनी भारद्वाज से दलाली बताकर 15 मंत्रालयों से ठगी करने की जाँच हो, कलेक्टर से फर्जी सर्टिफिकेट लेकर अल्प संख्यक मंत्रालय से ठगी करने की जाँच हो। युपीएनएल के एमओयु की उच्च स्तरीय जांच जरुरी है, इन मामलों में कुलपति करोड़ो की दलाली कर रहे है।
जेम पोर्टल पर किए गए करोड़ो रुपये के घोटाले में डॉ. मृदुल कुमार सिंह पर एफआईआर दर्ज हो
पिछले 5 वर्षों में जेम -पोर्टल से की गई फर्जी खरीदारी में कई करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी सामने आई है। कुलपति भी इसमें कमीशन खोरी किए हैं, सामानों की सप्लाई नहीं हुई है तथा बिल का पेमेंट हो गया है. गवर्नमेंट इलेक्ट्रॉनिक मार्केट पोर्टल में अपने लोगों से गलत तकनीकी गुणवत्ता को दिखाकर कम रेट को बढ़ाकर खरीदारी किये है इसका भ्रष्टाचार जाल बन गया है, फर्नीचर सप्लाई, सीसीटीवी, लेपटॉप, एलसी डी सहित अनेक वैज्ञानिक उपकरण की सप्लाई से लेकर अनेक सामानों की खरीदारी के लिए सप्लायरों से 30% कमिशन लिए जा रहे हैं, इस मामले की उच्च स्तर की जांच हो।