चोरी के रेत की खुलेआम काटी जा रही टीपी
उमरिया।रामकृपाल विश्वकर्मा। उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली तहसील के बेली ग्राम पंचायत के राज बहरा नदी से इन दिनों चोरी की रेत का कारोबार बेरोकटोक चल रही है । बताया जाता है कि पाली तहसील में इकलौती करकटी रेत खदान संचालित रही है । करकटी खदान सिर्फ खानापूर्ति के लिए संचालित कर बेली से रेत उठाने का गोरखधंधा पुराना है । इस सत्र में जब करकटी खदान का ठेका होना था, उस दौरान खदान की सर्वेक्षण कार्य कलेक्टर महोदय उमरिया के व्दारा कराया गया था ,तब खदान में रेत उपलब्ध न होने के कारण इस खदान का ठेका रोक दिया गया था , लेकिन जब उमरिया जिले का रेत का कारोबार बाबा महाकाल कंपनी ने सम्हाला तो रेत चोरी के ठिकानों की तफ्तीश करते हुए बेली के राज बहरा को उपयुक्त पाया और जिला प्रशासन की मेहमान नवाजी से खुश करते हुए आखिरकार करकटी खदान की टी पी जारी कराने में महारत हासिल कर ली ,कल तक जहां रेत न होने की असलियत के कारण प्रशासन ने वहां पर टी पी जारी नहीं की थी , वही प्रशासन बाबा महाकाल कंपनी के आगे औंधे मुंह गिर गया और फिर उस खदान की टी पी जारी कर रेत चोरी करने का खुला खेल खेलने का सुनहरा अवसर प्रदान कर रेत चोरी कराना शुरू करा दिया गया है ।रेत चोरी के इस मामले में जितना दोषी बाबा महाकाल बताया जाता है उससे चौगुना जिले का खनिज विभाग, जिसकी स्वीकृति के बाद रेत चोरी का काला कारोबार दिन दुगुना रात चौगुना फल -फूल रहा है । बताया जाता है कि पूरी रेत बेली के राज बहरा नदी से उठा कर ट्रेक्टरों के माध्यम से पाली और आसपास के गांवों में बेची जाती है और टी पी करकटी खदान की काटी जाती है । विदित होवे कि लगभग चार माह पहले बेली के राज बहरा नदी से रेत के लिए कलेक्टर उमरिया ने ग्राम पंचायत को हैण्ड ओभर करने के लिए प्रयास किए गये थे,तब पाली वन परिक्षेत्र अधिकारी ने इससे वन विभाग की सीमा से रेत उठाने की आंशका जाहिर करते हुए रोक लगवाने में सफल हो गए थे , लेकिन अब बेली से खुलेआम रेत का कारोबार चल रहा है,तब उक्त अधिकारी रेत माफिया के आगे पीछे दुम हिलाते बताये जा रहें हैं