बांधवगढ के कोर एवं बफर जोन सहित चिन्हित सिंसेटिव जोन में 5 जनवरी तक ध्वनि विस्तारक यंत्र पर पूर्णतः प्रतिबंध

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

उमरिया ।रामकृपाल विश्वकर्मा। अनुविभाग मानपुर अंतर्गत बॉधवगढ़ टाइगर रिजर्व (कोरजोन बफरजोन) बांधवगढ, ईको सेंसिटिव जोन, अतिसंवेदनशील वन्यप्राणी बाहुल्य क्षेत्र आता है। मानपुर अनुभाग अंतर्गत बॉधवगढ टाईगर रिजर्व के ताला, मगधी, खितौली धमोखर, पनपथा पर्यटन जोन संचालित है। बांधवगढ टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत बने स्थलों में कई पर्यटन ईकाईया होटल,रिसार्ट,लॉज,दाबा आदि संचालित है। दिपावली त्यौहार के बाद पर्यटक से ग्रामों में संचालित होटल,रिसोर्ट,लॉज में डेस्टीनेशन वेडिंग, वैवाहिक कार्यक्रम संपादित किये जाते हैं एवं इसी प्रकार प्रत्येक वर्ष नववर्ष के आगमन पर नववर्ष का पर्व मनाया जाता है जिसमें भी अत्याधिक तेज ध्वनि, वाद्ययंत्रों, डीजे में तीव्र ध्वनि उत्पन्न की जाती है। आतिशबाजी,तेज लाइटो, रंग ष्दिरगी लाइटो का उपयोग किया जाता है। जिससे वन्यजीवो के रहवास, प्राकृतिक जीवनयापन एवं उनके दैनिक क्रियाकलापों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. तथा उनके मानसिक संतुलन पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखा जा रहा है। बाधवगढ टाईगर रिजर्व के बफरजोन के वन क्षेत्रों में वन प्राणियों की प्रचुरता है उक्त वनक्षेत्रों में आवागमन हेतु मार्ग संचालित है जिसमें वाहन चालको द्वारा रोड पर अत्याधिक तेज गति से वाहन चलाए जाते है जिससे वन्यप्राणियों से दुर्घटना होकर वन्यप्राणियों की मृत्यु एवं जन हानि ,घायल होने की प्रचुर संभावना होती है।
अनुविभागीय दंडाधिकारी मानपुर कमलेश नीरज ने बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, कोरजोन एवं बफरजोन तथा चिन्हित ईको सिरोटित जोन, अतिसंवेदनशील वन्यप्राणी वाहुल्य क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अतर्गत संरक्षित क्षेत्र के समीप वैवाहिक कार्यक्रम, जुलूस, रैली, धरना प्रदर्शन, खेल प्रतियोगिता, पटाखे, पाटी, या चलित वाहन आदि में टीव्ही, एल.सी.डी. ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग 5 जनवरी 2025 की सायं 5 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
साथ ही इस अवधि के दौरान क्षेत्र में सड़क पर जंगल,नदी के समीप किसी भी प्रकार की अनाधिकृत गतिविधि, उपद्रव पार्टी,शराब पीकर गाड़ी चलाने अथवा किसी भी प्रकार की गतिविधि जिससे आमजन तथा सैलानियों को असुविधा,समस्या हो अथवा वन प्राणियों दैनिक क्रियाकलाप पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े अथवा किसी भी प्रकार से कानून पूर्व शांति व्यवस्था को बाधित किया जाता है तो आरतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

Leave a Comment

  • Marketing Hack4u