नए साल पर तैयार है पर्यटन नगरी, वाइल्ड लाइफ और प्रकृति के अनूठे नजारे देखने पहुंचते हैं टूरिस्ट

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हर साल बढ़ती जा रही है पर्यटकों की संख्या

– शिवपुरी अपने किले, महल, कला और संस्कृति के लिए पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र बना रहता

– शिवपुरी में पर्यटन की दृष्टि से पुरातत्व, आध्यात्म और प्रकृति का अद्भुत संयोग

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। नए साल को लेकर पर्यटन नगरी शिवपुरी भी पूरी तैयार है। पर्यटन की द्रष्टि से शिवपुरी एतिहासिक, पुरातात्विक, प्राकृतिक धरोहरों से समृद्धशाली शहर है। यह मध्यप्रदेश का एक अत्यंत प्राचीन शहर है जिसे पर्यटन ग्राम के नाम से जाना जाता है एवं पर्यटकों के बीच में बेहद पवित्र और प्रसिद्ध शहर रहा है। शिवपुरी मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में एक ऐतिहासिक शहर है। यह घने जंगल से घिरा हुआ है और शिवपुरी में समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का घर है। नए साल में यहां पर पर्यटक आने लगे हैं और देश-विदेशी पर्यटकों के लिए शिवपुरी हमेशा आकर्षण का केंद्र रहता है। वैसे आंकड़े पर गौर किया जाए तो वर्ष 2023 में 3 लाख 59 हजार 641 देशी-विदेश पर्यटक यहां पर घूमने आए जबकि वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 4 लाख 40 हजार से ज्यादा हो गया है।

जंगल में चुड़ेल छाज नामक शैलचित्र मौजूद हैं-

यहा 9वीं शताब्दी के मठ और शिव परंपरा से संबंधित मंदिर का एक अनुपम सोंदेर्यात्मक समूह देखने को मिलता है शिवपुरी रहस्य और रोमांच से भरपूर प्राचीन किलो और बावडियों के लिए प्रसिद्ध है यहाँ के 10 हजार साल पुराने प्रागैतिहासिक चुड़ेल छाज नामक शैलचित्र मौजूद है जिनका अवलोकन भीमबेटका (भीमबैठका) के खोज कर्ता पुरात्तववेत्ता पद्मश्री स्व.बाकणकर जी द्वारा कहा गया कि मैंने अपने जीवन में इतने प्राचीन शैल चित्र प्रथम बार देखे है। यहां के दुर्ग,गढ़ी की दीवारों पर अंकित नक्काशी और कारीगरी हिन्दू स्थापत्य कला का वेहतरीन उदहारण है। शिवपुरी के मंदिरों की कला और वास्तुकला शानदार है, । यहा के दुर्ग एवं गढ़ी जैसे सुरवाया गढ़ी, नरबर दुर्ग, पिछोर दुर्ग, करेरा दुर्ग, खोखई मठ , तेरही मठ, तोरण द्वार, महोजमाता मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर ग्राम महुआ आदि वास्तुशिल्प प्रतिभा और सांस्कृतिक समृद्धि के भंडार से कम नहीं है। यह मप्र में विरासत का एक छिपा हुआ गहना है।

नदी व प्राकृतिक झरने आकर्षण का केंद्र-

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा शिवपुरी के कुछ दर्शनीय स्थलों को अपनी अस्थाई सूची में लिया है। रॉक आर्ट साइट्स ऑफ द चंबल वैली में शिवपुरी के कुछ स्थानों को शामिल किया है। शिवपुरी के टुंडा-भरका, इमलिया, कलोथरा, भरका खोह में बहुत ऐसे दुर्लभ चित्र व अन्य सामग्री मिली है, जो आदिमानव के पाषाणकाल से जुड़ी हुई हैं। इसमें शिवपुरी के पोहरी व मुरैना के पहाडगढ़ के बीच आसन नदी है, जिसमें कुंती ने कर्ण को बहाया था, जो महाभारत के समय का है। आदिमानव के ठिकानों को प्रमाणिकता मिलने के बाद विश्व पटल पर शिवपुरी का नाम चमकेगा। इसे यूनेस्को अपनी स्थाई सूची में शामिल कर लेगा। फिर यह स्पॉट हेरिटेज में शामिल होने के साथ ही शिवपुरी दुनिया में पहचाना जाएगा तथा यहां बड़ी संख्या में सैलानी उसे देखने के लिए आएंगे। जिससे शिवपुरी में टूरिज्म भी बढ़ेगा

नेशनल पार्क में लाए गए टाईगर-

माधव नेशनल पार्क में बीते साल तीन टाईगर लाए गए हैं। जिन्होंने शावकों को जन्म दिया है। धीरे-धीरे यहां पर टाईगरों की संख्या बढ़ती जा रही है। माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का तोहफा मिलने के बाद माधव नेशनल पार्क 8 वां बाघ अभयारण्य बन जाएगा। जिससे शिवपुरी के वाइल्डलाइफ टूरिज्म एवं देशी तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी होगी। वैसे यहां पर हर साल हजारों टूरिस्ट यहां वाइल्ड लाइफ और प्रकृति के अनूठे नजारे देखने पहुंचते हैं।

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