मां नर्मदा ज्योति घर में 295 अखंड ज्योति रहीं प्रज्वलित

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विजयादशमी पर शक्तिस्वरूपणी मां दुर्गा समक्ष किया गया शस्त्र पूजन ।

शस्त्र पूजन और अधर्म पर धर्म विजय पर्व रावण दहन होता ही आ रहा – स्वामी रामभूषण दास जी ।

अमरकंटक। श्रवण उपाध्याय। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में शारदेय नवरात्री की धूम पूरे नगर में नौ दिवस बड़ी ही श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया । मां नर्मदा मंदिर प्रांगण के ज्योति घर में शारदेय नवरात्री के पावन अवसर पर नगर व अन्य वाक्षेत्र के भक्तगण , श्रद्धालुजनो ने लगभग 295 अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करवाया गया तथा कलश की स्थापना हुई । इस वर्ष नगर में भी अनेक जगहों पर मां भगवती दुर्गा जी की प्रतिमाएं विराजमान कर भक्ति भाव से पूजन आराधना किया गया तथा पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम , गरबा डांस , रामायण पाठ , भजन कीर्तन चलता रहा । हवन , पूजन , कन्या भोज पूर्ण होने के बाद विजया दशमी के पावन अवसर पर मां देवी दुर्गा माता को बड़ी ही श्रद्धा भाव से विसर्जन हेतु ढोल नगाड़ों , डी जे की धुन पर नगर भ्रमण कराते हुए रावण दहन उपरांत विसर्जित कर दिया गया ।
विजया दशमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बंधुओ के तत्वाधान में प्राधिकरण पास विराजी मां भगवती शक्ति दुर्गा समक्ष श्रीमहंत स्वामी राम भूषण दास जी महाराज के मुख्य अतिथि की उपस्थिति में शस्त्र पूजन पंडित धनेश द्विवेदी (वंदे महाराज) जो मुख्य वक्ता थे ने विधि विधान मंत्रोच्चार द्वारा शस्त्र पूजन कराया । पूजन में उपस्थित खंड कार्यवाह दिनेश साहू , नगर कार्यवाह रंजीत सिंह (नंदू) , खंड व्यवस्थापक प्रमुख ओम प्रकाश अग्रवाल तथा स्वयं सेवक बंधु , नगरवासी सम्मिलित हुए । इस पूजन के बाद मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता ने शस्त्र पूजन से संबंधित अपने अपने वक्तव्य दे संबोधित किया । स्वामी रामभूषण दास जी महाराज ने कहा की हर घर में शास्त्र रखना जरूरी है और रखना भी चाहिए उसी तरह शस्त्र भी अति आवश्यक है । यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है जिसकी आज विजया दशमी तिथि को हम सब अपने अपने अस्त्र शस्त्र की पूजन करते है ।
असत्य पर सत्य की विजय , अधर्म पर धर्म की जीत और अन्याय पर न्याय की विजय पताका प्रतीक मानकर विजया दशमी को अधर्म और अन्याय रूपी रावण को दहन किया जाता है ।
रावण दहन अनेक वर्षों बाद अमरकंटक में संत मंडल संघ तथा नगर परिषद व नगर वासियों के सहयोग से पुनः रावण दहन का आयोजन किया गया जिसमे हजारों लोगो की उपस्थिति में संपन्न हुआ । राम लक्ष्मण के तीर से दुष्ट रावण का दहन किया गया । नगर परिषद की अध्यक्षा श्रीमती पार्वती सिंह , संत रामभूषण दास जी , स्वामी लावलीन महाराज जी , पार्षदगण , देवी पंडालों के प्रमुख , रावण दहन देखने आए महिला , पुरुष , बच्चे और साधु संत के अलावा पर्यटक भी खूब पधार कर रावण दहन का लुफ्त उठाया ।
इस पूरे आयोजन में प्रशासन ने अपनी पूरी नजर बनाए हुए था । पुष्पराजगढ़ एसडीओपी नवीन तिवारी के नेतृत्व में शांति व्यवस्था कायम रही । अमरकंटक नायब तहसीलदार कौशलेंद्र मिश्रा ने कहा की यह उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से लोगो ने मनाया और काफी दूर दूर से भारी संख्या में लोग प्रतिमाएं यंहा लाकर विसर्जित किए है । नगर परिषद द्वारा बनाए गए विसर्जन कुंड में ही लगभग 50 दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जित की गईं ।

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