ब्रह्मलीन महंत विजय पुरी गोस्वामी जी को पैतृक ग्राम सिंहनिवास में दी गई समाधि

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हजारों लोगों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

जीवन भर माँ राजराजेश्वरी मंदिर की सेवा की, ग्वालियर में उपचार के दौरान हुआ था निधन

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर माँ राज राजेश्वरी दरबार के महंत विजयपुरी गोस्वामी को शोकाकुल माहौल में उनके पैतृक निवास सिंहनिवास में समाधि दी गई। उनका निधन ग्वालियर में उपचार के दौरान हो गया था। लगभग एक माह पूर्व उन्हें ब्रेरनहेमरेज हुआ था और तब से वह ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती थे। उनके निधन से शहर और जिले में शोक का माहौल व्याप्त हो गया। उनकी अंतिम यात्रा रविवार को निज निवास नाई की बगिया से प्रारंभ होकर राजेश्वरी, पोहरी रोड़ से होते हुए उनके पैतृक ग्राम सिंहनिवास पहुंची जहां उन्हें हजारों लोगों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्हें समाधि दी गई तथा शोकाकुल लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इस अवसर पर पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह, पूर्व विधायक गणेश गौतम सहित शहर के अनेकों जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, कर्मचारी, शिक्षक, पत्रकार एवं समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

71 वर्षीय महंत विजयपुरी गोस्वामी का नाम शिवपुरी जिले में चिरपरिचित है। उनका परिवार पीढिय़ों से माँ राज राजेश्वरी मंदिर की सेवा करता आया है। महंत विजयपुरी गोस्वामी भी बाल्यकाल से माँ की सेवा भक्ति में लीन हो गए थे। उन पर माँ की अगाध अनुकंपा थी और बताया जाता है कि नवरात्रि में उनका माँ से साक्षात्कार भी होता रहा है। माँ उन्हें बाल्य रूप में ही नजर आती थी। महंत विजयपुरी गोस्वामी सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़चढ़कर भाग लेते थे और कई वर्षों से दशनाम गोस्वामी समाज के अध्यक्ष भी थें उन्होंने समाज हित में कई सराहनीय कार्य किए हैं। वह कुप्रथाओं के घोर विरोधी थे और विवाह में फिजुलखर्ची रोकने और दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रत्येक साल कई कन्याओं के नि:शुल्क विवाह सम्मेलन भी कराए थे। वह बहुत व्यवहार कुशल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे और जो कोई भी उनसे मिलता था वह उनका मुरीद हो जाता था। उनके कार्यकाल में माँ राज राजेश्वरी मंदिर के निर्माण कार्य में बहुत प्रगति हुई थी।

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