शिवपुरी कलेक्टर के नाम पर फर्जीबाड़ा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

शिवपुरी कलेक्टर के नाम से बना फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, पूर्व एडीएम को भेजा गया मैसेज, तब पता चला

– फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट जनरेट और दूसरे अफसरों को भेजे गए मैसेज-

श्रीलंका के कंट्री कोड से बनाया गया एकाउंट

शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। मध्य प्रदेश में वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर और आईएएस अधिकारियों के नाम पर फर्जीबाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब ऐसा ही मामला शिवपुरी में सामने आया है जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया गया है। इस फर्जी अकाउंट के जरिए लोगों से संपर्क भी किया गया। इसी दौरान शिवपुरी कलेक्टर को जब मामला पता चलते ही उन्होंने सोशल मीडिया पर संबंधित फेक अकाउंट और नंबर की जानकारी साझा की। कलेक्टर ने लिखा है कि संबंधित फेक अकाउंट नंबर से मैसेज आए तो तुरंत रिपोर्ट करें ब्लॉक कर दें। बताया जाता है कि बुधवार की रात को फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट की जानकारी कलेक्टर को लगी।

शिवपुरी के पूर्व एडीएम रघुवंशी को भेजा गया मैसेज तब पता चला-

बताया गया है कि शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी के नाम से बने फेक व्हाट्सएप अकाउंट से भोपाल में पदस्थ एवं तत्कालीन शिवपुरी एडीएम विवेक रघुवंशी के पास मैसेज पहुंचा। हाय, हलो का मैसेज दूसरे व्हाट्सएप नंबर से मिला तो एडीएम रघुवंशी ने तुरंत ही कलेक्टर चौधरी से उनके व्यक्ति नंबर पर संपर्क किया। इस बात का कलेक्टर शिवपुरी का पता चला तो उन्होंने कहा कि उन्होंने दूसरा कोई व्हाट्सएप अकाउंट नहीं बनाया है।

फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट जनरेट और दूसरे अफसरों को भेजे गए मैसेज-

बताया जा रहा है कि कलेक्टर के नाम से अज्ञात बदमाश ने फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट जनरेट कर लिया। इसके बाद दूसरे अफसरों को मैसेज भेजने लगा। इस बात का पता चला तो शिवपुरी कलेक्टर ने लोगों को जागरूक करने के लिए जिले में सोशल मीडिया पर संबंधित फेक अकाउंट व नंबर की जानकारी साझा कर दी। कलेक्टर ने लिखा है कि मेरे नाम से किसी ने फर्जी व्हाट्सप अकाउंट बना लिया है। यदि किसी को मैसेज रिसीव होता है तो तुरंत रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक कर दें।

श्रीलंका के कंट्री कोड से बनाया गया एकाउंट-

बताया जा रहा है कि कलेक्टर के नाम से अज्ञात बदमाश ने श्रीलंका के कंट्री कोड व नंबर +94 785909474 से व्हाट्सएप पर फेक एकाउंट बनाया गया है। जिसमें कलेक्टर का फोटो व नाम लिखा है। जानकार बताते हैं कि ऐसे मामलों में किसी के नाम से फेक अकाउंट बनाया जाता है और तो लोग उससे मैसेज प्राप्त होने पर व्हाट्सएप पर रिपोर्ट करें और ब्लॉक कर दें। ऐसा करने से व्हाटसएप को रिपोर्ट मिलती है और फेक एकाउंट को कंपनी स्तर से बंद कर दिया जाता है।

Leave a Comment

  • Marketing Hack4u